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24 साल बाद ‘राम” की नगरी में कांग्रेस, राहुल का अयोध्‍या दौरा

अयोध्‍या : आज कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी का अयोध्‍या दौरा है. राहुल करीब दस बजे अयोध्‍या में प्रसिद्ध हनुमान गढ़ी मंदिर में दर्शन करेंगे. राहुल गांधी बाबरी मस्जिद कांड के बाद अयोध्या जाने वाले नेहरू-गांधी परिवार के पहले वंशज होंगे. करीब 24 साल के बाद कांग्रेस का कोई बड़ा नेता अयोध्‍या दौरे पर है. इससे […]

अयोध्‍या : आज कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी का अयोध्‍या दौरा है. राहुल करीब दस बजे अयोध्‍या में प्रसिद्ध हनुमान गढ़ी मंदिर में दर्शन करेंगे. राहुल गांधी बाबरी मस्जिद कांड के बाद अयोध्या जाने वाले नेहरू-गांधी परिवार के पहले वंशज होंगे. करीब 24 साल के बाद कांग्रेस का कोई बड़ा नेता अयोध्‍या दौरे पर है. इससे पहले राहुल गांधी के पिता पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने भी अपने चुनावी प्रचार की शुरुआत अयोध्‍या से की थी, लेकिन वे हनुमान गढ़ी मंदिर नहीं जा पाए थे. हालांकि उनके कार्यक्रम में यह शामिल था. राहुल आज ना केवल प्रसिद्ध हनुमान मंदिर जायेंगे बल्कि वे शाम में रोड शो करते हुए अम्बेडकरनगर जाएंगे तो किचौछा शरीफ दरगाह पर भी मत्था टेकेंगे.

राहुल उत्तर प्रदेश में चुनावी प्रचार में जुटे हुए हैं. खाट पंचायत के जरीए वहां वे दलित वोट बटोरने की फिराक में हैं. राहुल गांधी अपनी महत्वाकांक्षी किसान यात्रा और खाट सभा से पहले प्रसिद्ध दुग्धेश्वर नाथ मंदिर में पूजा अर्चना की थी और अब किसान यात्रा के चौथे दिन राहुल गांधी अयोध्या में हैं. अयोध्या को हिंदुत्व एजेंडे वाली राजनीति का गढ़ कहा जा सकता है और यहां भी राहुल गांधी अपनी यात्रा की शुरुआत हनुमानगढ़ी मंदिर से करेंगे. कांग्रेस के कार्यक्रम के मुताबिक राहुल गांधी विवादित रामजन्मभूमि स्थल पर नहीं जाएंगे.

कांग्रेस हिंदू वोटरों को साधने के साथ-साथ मुस्लिम वोटरों को भी पार्टी से जोड़े रखने में जुटी है इसलिए राहुल गांधी शुक्रवार शाम अंबेडकरनगर के मशहूर किछौछा शरीफ दरगाह पर चादर भी चढ़ाएंगे. राहुल के इस दौरे पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि उन्होंने (राहुल ने) अयोध्या से किसान यात्रा शुरू की है. लेकिन लगता नहीं उसका कोई भी फायदा राहुल को होने वाला है. जब तक पीएम मोदी जी का नेतृत्व है तब तक वहां वो कभी भी कुछ नहीं कर पाएंगे. बीजेपी और आरपीआई का गठबंधन ही वहां पर जीत दर्ज करेगा. राहुल गांधी चाहे वहां जितनी भी जाकर राजनीति कर लें, लेकिन उन्हें कुछ भी हासिल नहीं होगा.

गौरतलब है कि राजीव गांधी 1990 में अयोध्या गए थे लेकिन व्यस्ततता के चलते हनुमानगढ़ी के दर्शन नहीं कर पाए थे. उसके अगले ही साल यानी 1991 में उनकी हत्या हो गई हालांकि 1992 में सोनिया गांधी ने हनुमानगढ़ी जाकर पूजा अर्चना की थी.

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