-हरीश तिवारी-
असल में दो दिन पहले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों की मौजूदगी में लखनऊ में हुई समन्वय बैठक में संघ के राज्य स्तरीय पदाधिकारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर अपनी भड़ास निकाली. संघ का कहना था कि योगी सरकार के मंत्री न तो संघ की सुन रहे हैं और न ही कार्यकर्ताओं की. ऐसे में आगामी लोकसभा चुनाव में कार्यकर्ताओं को खुश करना जरूरी है. अगर कार्यकर्ता नाराज हो गया तो राज्य में हुए उपचुनाव के परिणाम की तरह लोकसभा चुनाव में परिणाम के लिए तैयार होना होगा, क्योंकि कार्यकर्ता ही पार्टी की शक्ति हैं. संघ ने योगी सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि अफसर भी नहीं सुन रहे हैं. ऐसे में सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह अफसरों को काबू में रखे.
लिहाजा अब संघ की नाराजगी को देखते हुए योगी सरकार अपने कार्यकाल की उपलब्धियों को संघ के सामने रखेगी. इसके लिए योगी सरकार ने अपने मंत्रियों को 29 अक्टूबर को प्रदेश भाजपा मुख्यालय बुलाया है. बैठक में पार्टी के केंद्रीय पदाधिकारी भी आ सकते हैं और इसमें संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी भी रहेंगे. इस बैठक में मुख्यमत्री योगी आदित्यनाथ, दोनों उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व डॉ दिनेश शर्मा के साथ सभी कैबिनेट मंत्री, राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार और राज्यमंत्री मौजूद रहेंगे. साथ ही प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पांडे भी मौजूद रहेंगे. इस बैठक मंत्रियों के कामकाज का भी मूल्यांकन हो होगा. क्योंकि लोकसभा चुनाव से पहले योगी सरकार अपने मंत्रिमंडल में विस्तार कर सकती है. ऐसे में माना जा रहा है कि योगी सरकार कुछ मंत्रियों को संगठन में भेजेगी. लिहाजा जिनका प्रदर्शन खराब है उन्हें संगठन में शामिल किए जाने की अटकलें भाजपा के भीतर चल रही हैं.