बलिया/लखनऊ : मुंबई में रहने वाली अभिनेत्री सनी लियोनी का उत्तर प्रदेश के बलिया जिले की मतदाता सूची में फोटो डाले जाने के बाद निर्वाचन आयोग ने सख्त कदम उठाया है. इस मामले में निर्वाचन आयोग ने उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिये हैं. निर्वाचन आयोग ने उच्चस्तरीय जांच के आदेश जिला प्रशासन की ओर से आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बनायी जा रही मतदाता सूची में हुई गंभीर गड़बड़ी के खुलासे के बाद यह कदम उठाये हैं.
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निर्वाचन आयोग का कहना है कि फेहरिस्त में व्याप्त गलतियों को ठीक कर लिया गया है. अब अंतिम सूची में संबंधित मतदाताओं की सही तस्वीर प्रकाशित होगी. वहीं, बलिया के अपर जिलाधिकारी मनोज कुमार सिंघल ने शनिवार को बताया कि डाटा ऑपरेटर विष्णु वर्मा ने अपने स्थानांतरण से नाराज होकर बलिया नगर विधानसभा क्षेत्र की मतदाता सूची में सात नामों में गड़बड़ी करते हुए मतदाता के फोटो के स्थान पर सनी लियोनी, हाथी, मोर और कबूतर के फोटो लगा दिये हैं.
उन्होंने बताया कि आरोपी ऑपरेटर ने 361 बलिया नगर सामान्य विधानसभा क्षेत्र के मतदाता पुनरीक्षण सूची 2018 के परिशिष्ट संख्या 2 के क्रमांक 906 यू बी क्यू 2878866 में दुर्गावती सिंह के नाम के सामने सनी लियोनी का फोटो लगा दिया है. इसी तरह प्रदेश की पूर्ववर्ती अखिलेश यादव सरकार में मंत्री रहे नारद राय के क्रमांक 1174 यू बी क्यू 2299832 पर उनकी फोटो के स्थान पर हाथी की तस्वीर लगा दी है. इसके अलावा, कुंवर अंकुर सिंह के नाम के आगे हिरन और कुंवर गौरव के नाम के आगे कबूतर का फोटो अपलोड कर दिया है. सिंघल ने बताया कि ऑपरेटर विष्णु वर्मा आउटसोर्सिंग के जरिये नियुक्त है.
जिला प्रशासन ने संबंधित संस्था को पत्र लिखकर वर्मा को बर्खास्त करने की संस्तुति की है. मतदाता सूची की इस गड़बड़ी की जानकारी चुनाव आयोग को दे दी गयी है और फेहरिस्त में हुई गलती को दुरुस्त कर लिया गया है. पुलिस अधीक्षक श्रीपर्णा गांगुली ने बताया कि बलिया के तहसीलदार सहायक निर्वाचन अधिकारी राम नारायण वर्मा की शिकायत पर वर्मा के विरुद्ध बलिया कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है. इस मामले की जांच की जा रही है.
इस बीच, निर्वाचन आयोग की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, मामले की शुरुआती जांच में पाया गया है कि संबंधित विधानसभा में कार्यरत डाटा इंट्री ऑपरेटर विष्णु वर्मा पर स्थानीय लेखपाल से मारपीट के आरोप थे. इसी वजह से उसे बलिया नगर विधानसभा से हटाया गया था. इसी से नाराज होकर उसने मतदाता सूची के ‘आलेख’ में गड़बड़ी की है.
आयोग के मुताबिक, सूची में की गयी गड़बड़ियों को ठीक कर दिया गया है और आगामी एक सितंबर को एकीकरण के बाद प्रस्तावित मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन में संबंधित मतदाताओं की सही तस्वीर छापी जायेगी. बहरहाल, मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश भी दिये गये हैं और सभी जिलों को ताकीद की गयी है कि वे एक सितंबर को अंतिम प्रकाशन से पहले मतदाता सूचियों को अच्छी तरह जांच लें, ताकि इस प्रकार की गड़बड़ी न हो पाये.