आगरा : अब आगरा के बाहर रहने वाले ताजमहल में नमाज नहीं पढ़ सकेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है. आगरा से बाहर रहने वालो को ताजमहल स्थित मस्जिद में नमाज पढ़ने की इजाजत नहीं होगी. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि स्मारक दुनिया के सात अजूबों में शामिल है. इसे बर्बाद नहीं किया जा सकता.
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ताजमहल स्थित मस्जिद में नमाज नहीं पढ़ सकेंगे बाहरी
आगरा : अब आगरा के बाहर रहने वाले ताजमहल में नमाज नहीं पढ़ सकेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है. आगरा से बाहर रहने वालो को ताजमहल स्थित मस्जिद में नमाज पढ़ने की इजाजत नहीं होगी. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि स्मारक दुनिया के […]
न्यायमूर्ति ए. के. सीकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने ताजमहल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष सैयद इब्राहिम हुसैन जैदी की याचिका खारिज करते हुए यह आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा, आगरा में कई मस्जिदें हैं बाहर के लोग वहां नमाज पढ़ सकते हैं. याचिकाकर्ता ने आगरा प्रशासन के 24 जनवरी 2018 के आदेश को चुनौती दी थी.
प्रशासन ने पहले ही लगाया था प्रतिबंध फैसले को दी गयी थी चुनौती
ताजमहल की सुरक्षा के मद्देनजर प्रशासन ने यह फैसला लिया था. इस फैसले के तहत बाहरी व्यक्तियों के नमाज पढ़ने पर प्रतिबंध लगा दिया था. इस फैसले को कोर्ट में चुनौती दी गयी कोर्ट ने कहा, ‘ताजमहल दुनिया के सात अजूबों में से एक है और हम इसे बर्बाद होने नहीं देना चाहते. इतना कहकर कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी. पीठ ने सवाल भी किया, ‘ऐसे अनुरोध के लिए याचिका क्यों ? हम इस पर विचार नहीं कर रहे है. यहां कई मस्जिदें हैं. वे वहां भी नमाज भी पढ़ सकते हैं.
क्या कहा गया था याचिका में
याचिका में तर्क दिया गया था कि ताजमहल देखने के लिए हर साल पर्यटक आते हैं उन पर रोक नहीं है फिर नमाज पढ़ने पर पाबंदी क्यों. याचिका में कहा गया आदेश से समान व्यक्तियों से बगैर किसी औचित्य के ही असमान तरीके का व्यवहार किया जा रहा है. आगरा के स्थानीय निवासियों को जब इजाजत दी जा रही है तो बाहरी लोगों को क्यों नहीं.
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