हरीश तिवारी
लखनऊ : अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है. हालांकि अभी तक कांग्रेस का किसी का गठबंधन नहीं हुआ है, लेकिन कांग्रेस आलाकमान ने अपने नेताओं से अपने क्षेत्र में जाकर जनता से संवाद करना शुरू कर दिया है . पिछले दिनों ने राहुल गांधी अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी के दौरे पर थे. राहुल अमेठी में कार्यकर्ता से मिले और उन्हें लोकसभा चुनाव की तैयारी करने को कहा. वहीं राहुल ने एक छोटी रैली कर जनता के साथ संवाद कायम किया.
इसी सिलसिले में अब कांग्रेस के अन्य नेताओं ने भी अपनी तैयारियों शुरू कर दी हैं. कभी सालों तक अपने संसदीय क्षेत्र में न दिखने वाले पूर्व सांसद और क्रिकेटर मोहम्मद अजहरुद्दीन लंबे समय बाद पीतलनगरी पहुंचे. भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरूद्दीन 2009 में कांग्रेस के टिकट पर सांसद चुने गए थो. अपने पुत्र के साथ चार वर्ष बाद मुरादाबाद पहुंचकर अपने पुत्र के साथ ईद की नमाज अदा की. जब अजहरूद्दीन सांसद ने तो वह कई महीनों तक मुरादाबाद नहीं आए और वहां की जनता ने अपनी नाराजगी जताते हुए उनके खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन किया था और पूरे शहर में पोस्टर लगाए थे.
हैदराबाद से मुरादाबाद पहुंचे पूर्व क्रिकेटर मोहम्मद अजहरुद्दीन की सक्रियता से विपक्षी राजनैतिक दलों के होश उड़े हैं. करीबियों का कहना है कि वह अगले लोकसभा चुनाव मुरादाबाद सीट से फिर से सियासी पारी खेलने की तैयारी में हैं. अजहरुद्दीन मुरादाबाद से अपनी दूसरी सियासी पारी खेलने की तैयारी में हैं. उधर मेरठ में कांग्रेसी नेता नगमा ईद भी ईद के मौके पर सक्रिय दिखाई दी. नगमा मेरठ में स्थानीय नेताओं से मिली और चुनाव के लिए अभी से तैयारी करने को कहा. ऐसा माना जा रहा है कि नगमा कांग्रेस के टिकट पर मुरादाबाद से चुनाव लड़ेंगी. इसके साथ पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस के पूर्व सांसद और पूर्वमंत्री आरपीएन सिंह, प्रदीप आदित्य जैन, श्रीप्रकाश जायसवाल भी अपने संसदीय क्षेत्रों में तेजी से सक्रिय हो रहे हैं.
ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस सपा और बसपा के बीच होने वाले संभावित गठबंधन में शामिल होगा. इस गठबंधन में शामिल होने पर कांग्रेस को ज्यादा सीटें नहीं मिलेगी. कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर कांग्रेस को गठबंधन में सम्मानजनक सीटें नहीं मिलती है तो वह अकेले चुनाव लड़ेगी. पिछले साल राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सपा के साथ गठजोड़ किया था और उसके बावजूद वह 19 सीटों से 7 सीटों में सिमट गई थी. जबकि लोकसभा में कांग्रेस ने किसी भी दल के साथ गठजोड़ नहीं किया था और वह दो सीटें ही जीत पायी थी.
