बदायूं : उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति/जनजाति आयोग ने पिछले महीने बदायूं जिले में एक दलित की पिटाई के बाद कथित रूप से उसकी मूंछ उखाड़ने और उसे पेशाब पिलाने की घटना का संज्ञान लिया है और उसके आदेश पर तत्कालीन संबंधित थानाध्यक्ष के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया है.
अपर पुलिस अधीक्षक (नगर) जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने आज यहां बताया कि गत 24 अप्रैल को हजरतपुर क्षेत्र के एक गांव में गेहूं की फसल काटने से इन्कार करने पर दबंगों ने एक दलित व्यक्ति को कथित रूप से मारा पीटा था और उसकी मूंछ उखाड़ने के साथ उसे जूते में पेशाब भी पिलाया था. उन्होंने बताया कि कल रात वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय में राज्य अनुसूचित जाति/जनजाति आयोग का एक फैक्स पहुंचा जिसमें हजरतपुर के तत्कालीन थानाध्यक्ष राजेश कश्यप के विरुद्ध मामला दर्ज करने के निर्देश दियेगये थे. इसका अनुपालन करते हुए कश्यप के विरुद्ध कर्तव्य के प्रति लापरवाही बरतने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया गया है. मामले की जांच दातागंज के क्षेत्राधिकारी को सौंपी गयी है. इस मामले में कश्यप को पहले ही निलंबित किया जा चुका है.
गौरतलब है कि गत 29 अप्रैल को दर्ज मामले में आजमपुर बिसौलिया गांव के निवासी सीताराम वाल्मीकि ने गत 24 अप्रैल को गांव के कुछ दबंग लोगों पर मारपीट कर मूंछ उखाड़ने और जूते में पेशाब पिलाने का आरोप लगाया था. वाल्मीकि ने पुलिस को बताया था कि गत 24 अप्रैल को वह अपने खेत में गेंहू काट रहा था. तभी उसी के गांव के ही रहने वाले विजय सिंह, विक्रम सिंह, पिंकू और सोमपाल उसके पास आये और अपने खेत में गेंहू काटने को कहा. वे चाहते थे कि वह पहले उनके खेत का गेहूं काटे.
Dalit man from #Badaun alleges he was assaulted & forced to drink urine by a group of men after he denied to harvest their crops, says, 'They also tied me to a tree and pulled my moustache.' SSP Ashok Kumar says, 'case has been registered & probe is underway.' pic.twitter.com/7vTgYQ7vhc
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) April 30, 2018
वाल्मीकि के मुताबिक उसने उनका गेहूं काटने से मना किया तो उन लोगों ने खेत में ही उसकी जूतों से पिटाई की और जबरन गांव ले आये, जहां पेड़ से बांधकर उससे मारपीट की और जूते में पेशाब पिलाया. इसके अलावा उसकी मूंछ भी उखाड़ लीं. इस मामले में गत 29 अप्रैल को मामला दर्ज करके सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. इस मामले में धारा 308, 342, 332, 504, 506 तथा दलित अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है.