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रेलवे के मानवरहित क्रॉसिंग पर तैनात होंगे ”गेट मित्र”, 26 अप्रैल कुशीनगर दुर्घटना के बाद फैसला

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग पर हादसे में 13 बच्चों की मौत की घटना से सबक लेते हुये उत्तर रेलवे का लखनऊ मंडल अपनी 121 मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग पर फाटक लगा कर उन्हें बंद करने की प्रक्रिया शुरू कर रहा है. रेलवे ने यह काम आगामी जून से शुरू कर […]

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग पर हादसे में 13 बच्चों की मौत की घटना से सबक लेते हुये उत्तर रेलवे का लखनऊ मंडल अपनी 121 मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग पर फाटक लगा कर उन्हें बंद करने की प्रक्रिया शुरू कर रहा है. रेलवे ने यह काम आगामी जून से शुरू कर इसी साल सितंबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है. उत्तर रेलवे :एनआर: मंडल के रेल प्रबंधक :डीआरएम: सतीश कुमार ने आज मीडिया को बताया कि उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल में कुल 121 मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग हैं. ये सभी क्रॉसिंग लखनऊ, कानपुर मार्ग, लखनऊ, वाराणसी मार्ग तथा लखनऊ, प्रयाग रेलवे मार्ग पर हैं, जिन्हें 2020 तक फाटक लगाकर बंद करना था.

लेकिन हाल ही में संपन्न बैठक में यह काम इसी वर्ष सितंबर तक पूरा करने का फैसला किया गया है. 26 अप्रैल को गोरखपुर के कुशीनगर के पास मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग पर 13 स्कूली बच्चों की मौत का हादसा पूर्वोत्तर रेलवे :एनईआर: में हुआ था. पर इससे उत्तर रेलवे भी सर्तक हो गया. डीआरएम कुमार ने बताया कि उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल को अब 109 मानवरहित क्रॉसिंग पर फाटक लगाने हैं. ऐसे कुल 121 फाटकों में से 12 पर फाटक निर्माण जारी है. शेष 109 मानवरहित फाटकों के लिये उत्तर रेलवे का लखनऊ मंडल जल्द ही टेंडर जारी करेगा.

उन्होंने बताया कि मानव रहित क्रॉसिंग पर फाटक निर्माण का कार्य पूरा नहीं होने तक इन सभी क्रॉसिंग पर ‘गेट मित्र’ तैनात रहेंगे ताकि इन क्रॉसिंग पर ट्रेन आने के समय वाहनों को गुजरने से रोका जाए. गौरतलब है कि 26 अप्रैल को कुशीनगर दुर्घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि मानवरहित क्रासिंग पर हादसे रोकने के लिए हमने रेल मंत्रालय से ऐसी क्रॉसिंग मानवयुक्त करने की अपील की है. आवश्यकता पड़ी तो रोड ओवरब्रिज बनाया जाएगा. कुशीनगर हादसे से पहले भदोही में वर्ष 2016 में स्कूल के बच्चों को ले जा रही एक मिनी बस ट्रेन से टकरा गयी थी जिससे आठ बच्चों की मौत हो गयी थी.

पूर्वोत्तर रेलवे के अधिकारियों का दावा था कि कुशीनगर में मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग पर गेट मित्र तैनात था. उसने स्कूल वैन चालक को रोकने की कोशिश की थी लेकिन कान में इयरफोन लगा होने के कारण चालक ने गेट मित्र की बात नही सुनी और यह हादसा हो गया. दुर्घटना में बुरी तरह घायल वैन चालक के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है. हादसे के बाद मुख्यमंत्री के आदेश पर स्कूल प्रबंधक और प्राचार्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया तथा शिक्षा विभाग और परिवहन विभाग के अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की गयी थी.

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