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राज्यसभा चुनाव को लेकर UP में Dinner Diplomacy, सपा-बसपा गठबंधन की संभावनाओं के लिए निर्णायक होगा शुक्रवार

लखनऊ : उत्तर प्रदेश से राज्यसभा की 10 सीटों के लिए शुक्रवार को होनेवाला चुनाव आगामी लोकसभा निर्वाचन के लिए सूबे की दो बड़ी सियासी ताकतों सपा और बसपा के गठबंधन की संभावनाओं के लिहाज से निर्णायक होगा. राजनीतिक लिहाज से देश के सबसे महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश में सपा को छोड़ कर कोई भी […]

लखनऊ : उत्तर प्रदेश से राज्यसभा की 10 सीटों के लिए शुक्रवार को होनेवाला चुनाव आगामी लोकसभा निर्वाचन के लिए सूबे की दो बड़ी सियासी ताकतों सपा और बसपा के गठबंधन की संभावनाओं के लिहाज से निर्णायक होगा. राजनीतिक लिहाज से देश के सबसे महत्वपूर्ण राज्य उत्तर प्रदेश में सपा को छोड़ कर कोई भी विपक्षी दल अपने बलबूते एक भी राज्यसभा सीट जीतने की स्थिति में नहीं है. बसपा ने हाल में गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में सहयोग देकर सपा की जीत में अहम भूमिका निभायी है. अब कर्ज चुकाने की बारी सपा की है.

राजनीतिक प्रेक्षकों के मुताबिक करीब 25 साल के बाद ऐसा पहला मौका है, जब बसपा प्रमुख मायावती ने सपा के प्रति नरम रुख अपनाया है. यह आगे भी जारी रहेगा, इसका सारा दारोमदार राज्यसभा चुनाव के परिणाम पर है. यह चुनाव आगामी लोकसभा चुनाव से पहले सपा और बसपा के गठबंधन की संभावनाओं पर निर्णायक असर डालेगा. उत्तर प्रदेश में राज्यसभा में एक उम्मीदवार को जीत के लिए 37 विधायकों के समर्थन जरूरत है. प्रदेश की 403 सदस्यीय सपा के पास 47 सदस्य हैं. उसके पास अपनी उम्मीदवार जया बच्चन को चुनाव जिताने के बाद भी तकनीकी रूप से 10 वोट बच जायेंगे. बसपा के पास 19 वोट हैं, जबकि कांग्रेस के पास सात और राष्ट्रीय लोकदल के पास एक वोट है. ऐसे में इन दलों का गठबंधन ही दसवें सदस्य को राज्यसभा भेज सकता है, मगर जरा-सी भी गड़बड़ी सारा गणित बिगाड़ सकती है.

बहरहाल, 324 विधायकों के संख्याबल के आधार पर आठ सीटें आराम से जीत सकनेवाली भाजपा ने 10 सीटों के लिए नौ प्रत्याशी उतारे हैं, जो विपक्ष के लिए चिंता का सबब है, क्योंकि अगर ‘क्रास वोटिंग‘ हुई, तो विपक्ष के लिए मुसीबत होगी. अपने-अपने मतों को एकजुट रखने के लिए सपा और बसपा ने ‘डिनर डिप्लोमेसी‘ का सहारा लिया है. सपा ने बुधवार की रात अपने विधायकों को रात्रि भोज पर बुलाया था और बसपा मुखिया मायावती ने भी गुरुवार को अपने विधायकों को रात के खाने पर आमंत्रित किया है. पार्टी के वरिष्ठ नेता नरेश अग्रवाल के भाजपा में जाने के बाद उनके सपा विधायक पुत्र नितिन अग्रवाल के भी भाजपा के पक्ष में वोट करने की प्रबल संभावना है, लेकिन सपा के लिए राहत की बात रही कि बुधवार को हुए विधायकों के रात्रि भोज में पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के चाचा और कभी उनके प्रतिद्वंद्वी रहे शिवपाल यादव तथा निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने शिरकत की. दोनों ने सपा का साथ देने की बात भी कही है. कांग्रेस ने राज्यसभा चुनाव में बसपा प्रत्याशी को समर्थन देने का एलान किया है.

मालूम हो कि सपा के राज्यसभा सदस्यों नरेश अग्रवाल, दर्शन सिंह यादव, नरेश चन्द्र अग्रवाल, जया बच्चन, चैधरी मुनव्वर सलीम और आलोक तिवारी, भाजपा के विनय कटियार और कांग्रेस के प्रमोद तिवारी का कार्यकाल खत्म हो रहा है. इसके अलावा मनोहर पर्रिकर और मायावती की सीट रिक्त है. भाजपा ने राज्यसभा चुनाव के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली, डॉक्टर अशोक बाजपेयी, विजयपाल सिंह तोमर, सकलदीप राजभर, कांता कर्दम, डॉ अनिल जैन, जीवीएल नरसिम्हा राव, अनिल कुमार अग्रवाल और हरनाथ सिंह यादव को अपना उम्मीदवार घोषित किया है. सपा ने जया बच्चन, जबकि बसपा ने भीमराव आंबेडकर को प्रत्याशी बनाया है. राज्यसभा चुनाव के लिए मतदान शुक्रवार, 23 मार्च को होगा और परिणाम भी उसी दिन ही घोषित कर दिये जायेंगे.

Prabhat Khabar Digital Desk
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