लखनऊ : उत्तर प्रदेश में एक और व्यक्ति की मौत के साथ ही बाढ़ के कारण मरनेवालों की संख्या बढ़ कर 104 हो गयी है. राहत आयुक्त के कार्यालय ने कल तक एकत्रित बाढ़ रिपोर्ट के हवाले से बताया कि राज्य में बाढ़ के कारण मरनेवालों की संख्या 104 हो गयी है. प्रदेश में 24 जिलों के 3097 गांवों में बाढ़ का असर है और इससे 28 लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं.
कार्यालय के अनुसार, पूर्वी उत्तर प्रदेश में लगभग तीन लाख लोगों ने प्रभावित जिलों के राहत शिविरों में शरण ली है. खबरों में बताया गया कि बाढ़ प्रभावित जिलों में सेना के हेलीकाॅप्टर, एनडीआरएफ और पीएसी (बाढ़) के जवान चौबीसों घंटे राहत एवं बचाव कार्य में लगे हैं. नेपाल की नदियों से जल छोड़े जाने और लगातार हो रही बारिश के कारण स्थिति गंभीर हुई है. एनडीआरएफ की 28 कंपनियां, पीएसी (बाढ) की 32 कंपनियां, भारतीय वायुसेना के दो हेलीकाप्टर और सैन्य दल प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में दिन रात लगे हुए हैं.
केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट में कहा गया कि पलियाकलां में शारदा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. शारदानगर में यह खतरे के निशान के करीब पहुंच गयी है, जबकि बलिया के तुरतीपार में घाघरा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. आयोग ने कहा कि गोरखपुर के रिगौली और बर्डघाट में राप्ती नदी खतरे के निशान को पार कर गयी है, जबकि गोंडा के चंद्रदीप घाट पर कुवानो नदी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.
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