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कानपुर: बिल्डर्स के मायाजाल में फंसे अधिकारियों ने साधी चुप्पी, फर्जी दस्तावेज से लिया था टेंडर

कानपुर विकास प्राधिकरण में भ्रष्टाचार चरम पर है. भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारी बिल्डर्स के माया जाल में फंसे हुए हैं. प्रदेश सरकार ने भ्रष्टाचारियों पर नकेल कसने के लिए एंटी करप्शन ब्यूरो टीम भी बनाई हुई है. लेकिन, यह टीम केडीए के अफसर और भ्रष्टाचारियों पर मेहरबान है.

Kanpur : कानपुर विकास प्राधिकरण में भ्रष्टाचार चरम पर है. भ्रष्टाचार में लिप्त अफ़सर बिल्डर्स के माया जाल में फंसे हुए हैं. एक ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई करने की बात करते रहते है. भ्रष्टाचारियों पर नकेल कसने के लिए उन्होंने एंटी करप्शन ब्यूरो टीम भी बनाई हुई है. लेकिन,यह टीम केडीए के अफसर और भ्रष्टाचारियों पर मेहरबान है.

यही वजह है कि अफ़सर अनुभवविहीन ठेकेदार पर कार्रवाई करने के बजाय जांच रिपोर्ट को गुपचुप तरीके से दबाने में जुटे हुए हैं. केडीए सूत्रों के मुताबिक शासन स्तर से भी मामलें की जांच प्राधिकरण उपाध्यक्ष के पास बंद पीले लिफाफे में पहुंची हुई है.

फर्जी कागज से लिया टेंडर, केडीए को लगाई चपत

केडीए की रामगंगा इंक्लेव योजना में प्राधिकरण के ‘A’+ कैटेगरी की ठेकेदार को वीसी ने अपने चहेते अधिशासी अभियंता के कारखास को अग्निशमन प्रबंधन का कार्य दे दिया. वो भी फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र के जरिए. ठेकेदार ने टेंडर पास करवाकर बिना अनुभव के रामगंगा इंक्लेव में अग्निशमन प्रबंधन का कार्य करवा दिया और हजारों ज़िंदगी दांव पर लगा दी. बता दें कि बीते कुछ दिनों में कानपुर में कई जगहों पर गर्मी के प्रकोप से कई जगहों पर अग्निकांड हुआ था. इसके बावजूद केडीए प्रशासन अनुभवहीन ठेकेदार द्वारा कराए गए कार्य पर कार्रवाई नहीं किया. इसके बदले विभाग चुप्पी साधे हुए हैं.

हादसों के बाद भी नही जागता विभाग

कानपुर में इन दिनों आग का तांडव जारी है. हाल ही में थोक कपड़ा बाजार में आग लगी थी. जिससे सैकड़ों व्यापारियों का नुकसान हुआ था. इस के बाद सागर मार्केट की 9 मोबाइल की दुकानों में भी आग ने अपना तांडव मचाया. इसके बाद भी केडीए नहीं जाग पा रहा है. केडीए ने अपने चहेते ठेकेदार को बिना अनुभव के अग्निशमन प्रबंधन का काम दिया था. जिस योजना में अनुभवहीन ठेकेदार में कार्य किया है, वहां पर हजारों परिवार रह रहे है.

जिनकी जिंदगी अनुभवहीन ठेकेदार के द्वारा कराए गए कार्य के कारण दाव पर लगी हुई है. सूत्रों के मुताबिक ठेकेदार ने बिना अनुभव के योजना में कार्य तो किया लेकिन जो उपकरण लगाए हैं वो भी अग्निशमन विभाग की नियमानुसार नही लगे है. ऐसे में अग्निशमन विभाग भी किसी समय अनुभवहीन ठेकेदार व केडीए के खिलाफ लोगों की ज़िंदगी के साथ खिलवाड़ करने पर कार्रवाई कर सकता है.

फर्जी दस्तावेज लगाना अपराध की श्रेणी

वहीं पूरे मामले को लेकर केडीए के अफसरों से बातचीत की तो उन्होंने गोलमोल जवाब दिया. मगर, अफसरों ने इतना जरूर कहा है कि अगर किसी भी ठेकेदार या अन्य किसी ने कथित दस्तावेज लगाए हैं तो वह अपराध की श्रेणी में आता है. ऐसे लोगों पर केडीए नियमानुसार कार्रवाई करेगा. हालांकि, अब देखना होगा कि क्या केडीए के अफ़सर अनुभवविहीन ठेकेदार से टेंडर की राशि की रिकवरी कर ब्लैकलिस्ट करते हैं या फिर ऐसे ही भ्रष्टाचार में मदद करते रहेंगे.

रिपोर्ट: आयुष तिवारी

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