CM Yogi Gifts: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार दिव्यांगजनों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक और बड़ा कदम उठाने जा रही है. वर्ष 2025-26 से उत्तर प्रदेश में कई नई योजनाएं लागू होंगी, जिनसे दिव्यांगजनों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आएंगे.
अब और ज़िलों में खुलेंगे बचपन-डे-केयर सेंटर्स
फिलहाल प्रदेश के 25 जिलों में बचपन-डे-केयर सेंटर्स संचालित हो रहे हैं, जहां छोटे दिव्यांग बच्चों की देखभाल और शिक्षा का प्रबंध है. अब सरकार ने इन केंद्रों को 26 और जिलों में खोलने का निर्णय लिया है. इन केंद्रों में दिव्यांग बच्चों को विशेष शिक्षा के साथ-साथ सामाजिक व्यवहार और आत्मनिर्भरता की ट्रेनिंग दी जाएगी, जिससे वे आगे चलकर पढ़ाई और खेलकूद में भी सफलता प्राप्त कर सकें.
खेलकूद के मैदान होंगे दिव्यांगजन हितैषी
दिव्यांगजनों को आत्मविश्वास और समाज में पहचान दिलाने के लिए खेलों में भागीदारी को बढ़ावा दिया जाएगा. इसके तहत राज्य के स्टेडियम और स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्सों को दिव्यांगजन-अनुकूल बनाया जाएगा, ताकि वे बिना किसी बाधा के खेलकूद गतिविधियों में शामिल हो सकें. यह कदम ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के विचार को भी मजबूती देगा.
ई-लर्निंग से होगी स्मार्ट शिक्षा
सरकार अब शिक्षा के क्षेत्र में भी डिजिटल तकनीक को शामिल करने जा रही है. खास स्कूलों में ई-लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया जाएगा, जिससे छात्रों की पढ़ाई, प्रगति और प्रतिभा का रिकॉर्ड ऑनलाइन सुरक्षित रहेगा. इससे शिक्षण प्रक्रिया अधिक प्रभावी बनेगी और दिव्यांग बच्चों की प्रतिभा को बेहतर तरीके से बढ़ावा दिया जा सकेगा.
मानसिक मंद बच्चों को मिलेगा आश्रय और प्रशिक्षण
मानसिक मंदित बच्चों के लिए हर जिले में विशेष आश्रय गृह और प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए जाएंगे. इन केंद्रों में सरकारी और निजी संगठनों के सहयोग से बच्चों को न केवल रहने की सुविधा मिलेगी, बल्कि आत्मनिर्भरता की भी ट्रेनिंग दी जाएगी, जिससे वे समाज में सम्मानजनक जीवन जी सकें.
शिक्षकों को मिलेगा विशेष प्रशिक्षण
दिव्यांगजनों को शिक्षित करने वाले शिक्षकों के लिए भी सरकार ने योजना तैयार की है. इन्हें आधुनिक तकनीकों और नई शिक्षण विधियों पर आधारित रिफ्रेशर कोर्स कराए जाएंगे, जिससे वे दिव्यांग छात्रों की बेहतर तरीके से मदद कर सकें और उनकी विशेष आवश्यकताओं को समझकर शिक्षा दे सकें.
राज्य स्तरीय कौशल विकास केंद्र होंगे स्थापित
दिव्यांग युवाओं को रोजगार और आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए राज्य स्तर पर कौशल विकास केंद्र स्थापित किए जाएंगे. इन केंद्रों में उन्हें विभिन्न प्रकार की तकनीकी और व्यवसायिक ट्रेनिंग दी जाएगी, जिससे वे नौकरी या स्वरोजगार के लिए तैयार हो सकें.
‘सबका साथ, सबका विकास’ की दिशा में मजबूत कदम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यह पहल दिखाती है कि सरकार दिव्यांगजनों की समस्याओं को गंभीरता से ले रही है. इन योजनाओं के माध्यम से न केवल दिव्यांगजनों का जीवन आसान और आत्मनिर्भर बनेगा, बल्कि समाज में उनके लिए समानता और सम्मान का वातावरण भी तैयार होगा. यह कदम ‘सबका साथ, सबका विकास’ और ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की सोच को और मजबूत करेगा.