UP News: आगरा नगर निगम सीमा के भीतर रेहड़ी, ठेली और फड़ लगाकर व्यवसाय करने वाले अब गुमनाम नहीं रह सकेंगे. उनकी पहचान सार्वजनिक करना अनिवार्य कर दिया गया है. नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक में सोमवार को इस फैसले से जुड़ा प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया है.
बीजेपी पार्षद की ओर से पेश किया गया प्रस्ताव
मेयर हेमलता दिवाकर की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कुल 10 प्रस्ताव रखे गए, जिनमें अधिकांश को बोर्ड की मंजूरी मिल गई. सबसे अहम प्रस्ताव बीजेपी पार्षद बद्री प्रसाद माहौर की ओर से पेश किया गया, जिसमें रेहड़ी और फड़ विक्रेताओं के लिए पहचान संबंधी बोर्ड लगाना जरूरी बनाने की बात कही गई थी.
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पहचान सार्वजनिक करना जरूरी
पार्षद माहौर ने तर्क दिया कि धार्मिक आयोजनों, कांवड़ यात्रा और मेलों के दौरान बड़ी संख्या में अस्थायी दुकानदार खाद्य सामग्री बेचते हैं. आम लोग इनसे सीधे खाद्य पदार्थ खरीदते हैं, लेकिन हाल के दिनों में इनकी कार्यप्रणाली को लेकर कई शिकायतें सामने आई हैं. ऐसे में इनकी पहचान सार्वजनिक करना जरूरी हो गया है.
नगर निकायों ने दिया निर्देश
उन्होंने यह भी बताया कि दिल्ली और लखनऊ जैसे शहरों में यह व्यवस्था पहले से लागू है. वहां नगर निकायों ने सभी फेरीवालों और अस्थायी दुकानदारों को निर्देश दिया है कि वे अपना नाम और पहचान दर्शाने वाला बोर्ड अपनी दुकान या ठेली पर लगाएं. अब यही मॉडल आगरा में भी लागू किया जाएगा. इस निर्णय से नगर निगम को रेहड़ी और फड़ वालों की निगरानी करने में आसानी होगी, वहीं उपभोक्ताओं को भी अधिक पारदर्शिता मिलेगी.
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