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‘स्कूल चलो अभियान’ में कक्षा 1 से 8 तक दो करोड़ छात्रों का हुआ रज‍िस्‍ट्रेशन, योगी सरकार जारी किया आंकड़ा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अप्रैल 2022 में श्रावस्ती जिले में 'स्कूल चलो अभियान' की शुरुआत की थी. आंकड़ों के आधार पर सरकार का दावा है कि इस अभि‍यान के तहत कक्षा 1 से 8 तक के दो करोड़ छात्रों का रज‍िस्‍ट्रेशन किया जा चुका है. यूपी के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अब तक लगभग...

UP Education News: यूपी में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 100 प्रतिशत नामांकन का आंकड़ा पाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अप्रैल 2022 में श्रावस्ती जिले में ‘स्कूल चलो अभियान’ की शुरुआत की थी. आंकड़ों के आधार पर सरकार का दावा है कि इस अभि‍यान के तहत कक्षा 1 से 8 तक के दो करोड़ छात्रों का रज‍िस्‍ट्रेशन किया जा चुका है. उत्तर प्रदेश के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अब तक लगभग 1.9 करोड़ (95 प्रतिशत) बच्चों का नामांकन किया जा चुका है.

आधार कार्ड से प्रमाणीकरण

योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों में बेसिक शिक्षा विभाग की उपलब्धि गिनाते हुए बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने बताया कि 40 लाख से ज्यादा नए बच्चों का नामांकन हुआ है. स्कूलों में नामांकन की प्रक्रिया जारी है. वर्ष 2016-17 में नामांकन 1.52 करोड़ था जो 2022-23 में बढ़कर 1.90 करोड़ हो गया है. मंत्री ने कहा, ‘पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए स्कूलों में नामांकित सभी बच्चों का पंजीकरण प्रेरणा पोर्टल पर किया गया और बाद में उनका आधार प्रमाणीकरण किया जा रहा है. अब तक 1.66 करोड़ बच्चों का आधार कार्ड बन चुका है और प्राथमिकता के आधार पर काम चल रहा है. पंजीकृत बच्चों के सापेक्ष 1.10 करोड़ बच्चों के आधार कार्ड को सफलतापूर्वक प्रमाणित किया गया है. इसके साथ ही 1.48 करोड़ माता-पिता और अभिभावकों का आधार सर्ट‍िफ‍िकेशन भी किया जा चुका है.

जनसंपर्क सर्वेक्षण से मिली सबसे ज्‍यादा मदद

उन्‍होंने कहा कि स्कूल चलो अभियान के तहत घर-घर जाकर जनसंपर्क सर्वेक्षण के जरिये स्कूल न जाने वाले लगभग 3,96,655 बच्चों का नामांकन किया गया है. बच्चों का विवरण ‘शारदा पोर्टल/ऐप’ पर अपलोड कर दिया गया है. इन बच्चों को विशेष प्रशिक्षण प्रदान करने की प्रक्रिया जारी है. घरेलू सर्वेक्षण के माध्यम से, 2,55,136 विकलांग बच्चों की पहचान व नामांकन ऑनलाइन ट्रैकिंग के लिए विकसित समर्थ पोर्टल की मदद से की गई है. विकलांग बच्चों के लिए व्यक्तिगत शैक्षिक योजना (आईईपी) तैयार कर और मुफ्त उपकरण वितरण कर बच्चों की शैक्षिक प्रगति की निगरानी की जा रही है. मंत्री ने कहा कि दीक्षा के माध्यम से सभी शिक्षकों को सेवाकालीन शिक्षक प्रशिक्षण उपलब्ध कराया गया है. शिक्षकों के सेवाकालीन व्यावसायिक विकास पाठ्यक्रम को पूरा करने का प्रमाण पत्र भी प्रदान किया गया. उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम पूरा होने पर नज़र रखने के लिए प्रत्येक शिक्षक को यूनिक आईडी दी गई थी.

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