19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Marriage In 17 Minutes: बैंड, बाजा, बारात के बिना चट मंगनी-पट ब्याह, यहां बिन फेरे सात जन्मों का रिश्ता

सोशल मीडिया प्लेटफार्म Twitter पर रविवार को #Marriage_In_17_Minutes ट्रेंड करता रहा. कई यूजर्स हैशटैग से जुड़े सवाल करते दिखे. इस खास हैशटैग के जरिए अनोखी परंपरा की जानकारी मिलती है. यह खास परंपरा उत्तरप्रदेश के आगरा के एक आश्रम से जुड़ा है. 17 मिनट में शादी का मुख्य मकसद दहेज प्रथा पर रोक लगाना है.

सोशल मीडिया प्लेटफार्म Twitter पर रविवार को #Marriage_In_17_Minutes ट्रेंड करता रहा. कई यूजर्स हैशटैग से जुड़े सवाल करते दिखे. इस खास हैशटैग के जरिए अनोखी परंपरा की जानकारी मिलती है. यह खास परंपरा उत्तरप्रदेश के आगरा के एक आश्रम से जुड़ी है. 17 मिनट में शादी का मुख्य मकसद दहेज प्रथा पर रोक लगाना है. इस खास शादी में बैंड, बाजा, बारात के बिना चट मंगनी, पट शादी होती है. यहां दूल्हा-दुल्हन बिना फेरे लिए सात जन्मों के रिश्ते में हमेशा के लिए बंध जाते हैं.

Also Read: अयोध्या में ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’, राम नगरी में बनने वाली मस्जिद का डिजाइन जारी, दुआ के साथ दर्द का भी इलाज
दहेज मुक्त शादी कराने का लक्ष्य

दहेज प्रथा को खत्म करने के उद्देश्य से आगरा के इटौरा में रमैनि शादी की परंपरा शुरू की गई है. आगरा-ग्वालियर रोड स्थित इटौरा पंचायत में संत रामपाल के आश्रम पर 17 मिनट में शादी होती है. कुछ दिन पहले 17 मिनट में दहेज मुक्त एक शादी हुई. शादी के दौरान कोरोना गाइडलाइंस का पालन किया गया. विवाह की रस्म के दौरान दूल्हा-दुल्हन के घरवाले मास्क लगाए दिखे. खबर के सामने आने के बाद ट्विटर पर यूजर्स #Marriage_In_17_Minutes के साथ एक के बाद एक ट्वीट करने लगे.

https://twitter.com/Cjacksparrow_5/status/1340584452028678145
Also Read: PM मोदी देश के 9 करोड़ किसानों को सम्मान निधि के 18 हजार करोड़ देंगे : योगी आदित्यनाथ
जेल में कैद सतलोक का संत रामपाल

संत रामपाल और उसके बेटे को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. रामपाल का जन्म हरियाणा के सोनीपत के गोहाना तहसील के धनाना गांव में हुआ था. रामपाल हरियाणा सरकार के सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर की नौकरी करता था. इस दौरान उसकी मुलाकात कबीर पंथी संत स्वामी रामदेवानंद महाराज से हुई. रामपाल उनका शिष्य बन गया. 1995 में रामपाल ने 18 साल की नौकरी से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद संत बनकर सत्संग करने लगा. कमला देवी नाम की एक महिला ने करोंथा गांव में रामपाल को जमीन दान में दी. 1999 में रामपाल ने सतलोक आश्रम की नींव रखी.

Posted : Abhishek.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें