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UP News: समाज कल्याण विभाग के विद्यालयों में ट्रेनिंग देगी टीसीएस, JEE-NEET में ऐसे मिलेगी कामयाबी

विद्यालय के शिक्षकों को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा जो साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग एवं मैथमेटिक्स (STEM) को बढ़ावा देने के लिए विद्यार्थियों को प्रेरित करेंगे. इस पहल से सर्वोदय विद्यालय के विद्यार्थी अंतरराष्ट्रीय मानकों पर अपना मूल्यांकन कर सकेंगे.

Lucknow News: इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी सेक्टर की प्रमुख कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने उत्तर प्रदेश सरकार के समाज कल्याण विभाग के साथ एक सहमति पत्र दस्तखत किए हैं. इसके तहत टीसीएस, विभाग द्वारा संचालित 105 जय प्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालयों और एकलव्य विद्यालयों के शिक्षकों तथा छात्रों को ‘कम्प्यूटेशनल’ और तार्किक सोच में प्रशिक्षण देगी.

टीसीएस ने मंगलवार को विभाग के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण की मौजूदगी में समाज कल्याण विभाग के साथ 18 महीने के लिए सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए. असीम अरुण ने बताया कि विद्यालय के शिक्षकों को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा जो साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग एवं मैथमेटिक्स (STEM) को बढ़ावा देने के लिए विद्यार्थियों को प्रेरित करेंगे. इस पहल से सर्वोदय विद्यालय के विद्यार्थी अंतरराष्ट्रीय मानकों पर अपना मूल्यांकन कर सकेंगे जिससे भविष्य में जेईई, नीट (JEE, NEET) इत्यादि प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल हो सकें.

कंपनी अपने कार्यक्रम ‘गो-आईटी’ और ‘इग्नाइट माई फ्यूचर’ के तहत जयप्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालयों और एकलव्य आवासीय विद्यालयों के छात्रों को तार्किक और ‘कम्प्यूटेशनल’ सोच में प्रशिक्षण देगी. उत्तर प्रदेश समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित इन विद्यालयों में वंचित वर्गों और आदिवासी क्षेत्रों के 35,000 छात्र रहकर पढ़ते हैं. सरकार इन छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करती है.

प्रशिक्षण के बाद मास्टर ट्रेनर के रूप में काम करेंगे शिक्षक

अपने कार्यक्रम इग्नाइट माई फ्यूचर के तहत, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज इन स्कूलों में लगभग 1,500 शिक्षकों को कंप्यूटर, एल्गोरिदम, प्रोग्रामिंग, कोडिंग और समस्या समाधान कौशल को समझने में मदद करने के लिए कम्प्यूटेशनल सोच में प्रशिक्षित करेगा. इस प्रशिक्षण के बाद, शिक्षक अपने सहयोगियों और छात्रों को और प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए मास्टर ट्रेनर के रूप में कार्य करेंगे.

अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खुद का मूल्यांकन कर सकेंगे छात्र

गो-आईटी प्रोग्राम के तहत छात्रों को प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स और कोड विकसित करने के लिए डिजाइन और लॉजिकल थिंकिंग का प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके अलावा उन्हें अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम बेब्रास कम्प्यूटिंग चैलेंज के जरिए भी तैयार किया जाएगा. कार्यक्रम को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि छात्र अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खुद का मूल्यांकन कर सकें और जेईई-नीट (JEE-NEET) जैसे कार्यक्रमों में सफल हो सकें।

Sanjay Singh
Sanjay Singh
working in media since 2003. specialization in political stories, documentary script, feature writing.

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