28.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

यूपी में M+Y समीकरण को भुनाने की कोशिश में शिवपाल सिंह यादव, अखि‍लेश यादव को चित करने की बना रहे योजना

सपा सुप्रीमो से चल रही नाराजगी को आधार बनाकर यूपी में राजनीत‍ि की एक द‍िशा की ओर चलना शुरू कर दिया है. ऐस में अब यह समीकरण देखने को म‍िल रहा है क‍ि वे भाजपा में जाने के बजाय यूपी की राजनीत‍ि को ही एक नई दिशा देते हुए सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव को च‍ित करने की पुरजोर कोशिश में लग गए हैं.

Lucknow News: उत्‍तर प्रदेश में मुस्लिम और यादव समीकरण की रचना करके सियासत में समाजवादी पार्टी की मुश्किलों को बढ़ाने की कवायद की जा रही है. प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) प्रमुख शिवपाल सिंह यादव ने शुक्रवार को जबसे सीतापुर में जेल में बंद सपा विधायक आजम खान से मुलाकात की है, तब से यूपी की सियासत गर्म हो गई है. उन्‍होंने सपा सुप्रीमो से चल रही नाराजगी को आधार बनाकर यूपी में राजनीत‍ि की एक द‍िशा की ओर चलना शुरू कर दिया है. ऐस में अब यह समीकरण देखने को म‍िल रहा है क‍ि वे भाजपा में जाने के बजाय यूपी की राजनीत‍ि को ही एक नई दिशा देते हुए सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव को च‍ित करने की पुरजोर कोशिश में लग गए हैं.

आजम से मिलने क्‍यों जेल गए थे श‍िवपाल? 

प्रसपा प्रमुख शिवपाल स‍िंंह यादव ने आजम खान को सपा से किनारा करते हुए प्रसपा के साथ आने का न्‍योता दे द‍िया है. इसके एवज में उन्‍होंने आजम खान को जेल से बाहर निकालने के लिए सीएम योगी आद‍ित्‍यनाथ के साथ बातचीत करने के लिए वादा भी कर चुके हैं. अब तक सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के भाई श‍िवपाल यादव के भाजपा में जाने की चर्चा चल रही थी. मगर उनकी इस कोशिश से यह स्‍पष्‍ट झलकने लगा है क‍ि वे सपा के ख‍िलाफ अपनी पार्टी को मजबूती से खड़ा करने की कोश‍िश कर रहे हैं. इसी वजह से उन्‍होंने प्रदेश में मुस्लिम चेहरों के बड़े नेता आजम खान को अपने साथ जोड़ने के लिए जेल में यह बैठक की है. बता दें क‍ि यूपी में 42-45 फीसदी ओबीसी मतदाता हैं. यादव उनमें से लगभग 9 प्रतिशत हैं और उन्होंने पारंपरिक रूप से समाजवादी पार्टी का समर्थन किया है.

Also Read: UP की राजनीति में बड़े बदलाव के संकेत, शिवपाल ने जेल में की आजम खान से मुलाकात, सपा से इंतकाम की तैयारी?
यादव और मुस्लिम वोट क्‍यों है जरूरी? 

गैर-यादव ओबीसी वोटों के 32-35 परसेंट पर पार्टियों का संघर्ष जारी है. सपा के पास एक समर्पित वोट बैंक भी है. यूपी में 9 फीसदी यादव वोटर हैं. वहीं, उत्तर प्रदेश की आबादी का 19 प्रतिशत मुसलमान है. लगभग 15 प्रतिशत मुसलमानों से सपा को वोट देने की उम्मीद है क्योंकि उन्हें लगता है कि केवल अखिलेश यादव ही भाजपा को कड़ी टक्कर दे सकते हैं. 3 से 4 फीसदी मतदाता आमतौर पर भाजपा और सपा के बीच क्रॉस वोट करते हैं.

प्रसपा को नया स्‍वरूप देने की है कोश‍िश

प्रदेश की राजनीत‍ि में मुस्लिम और यादव का वोट बैंक एक हो जाने के बाद सफलता की कुंजी के बराबर मायने रखता है. इस संबंध में यह कहा जाता है कि यूपी के पूर्व मुख्‍यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने इस समीकरण को सबसे पहले भुनाया था. उसके बाद इस फॉर्मूला को बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी भुनाने की कोश‍िश की थी. मगर उनका प्रयास विफल गया था. उनकी पार्टी में मुस्लिम और दलित वोट का समीकरण सफल रहा था. यूपी में ओबीसी वोटर्स की संख्‍या बहुतायत में है. ऐसे में अल्‍पसंख्‍यक समाज का वोट पाकर पार्टी को सत्‍ता के शीर्ष में पहुंचने की आसानी रहती है. सपा आज भी इसी गण‍ित से चुनावी वैतर‍िणी पार करने की कोश‍िश में रहती है. अब शिवपाल यादव भी प्रसपा को यही स्‍वरूप देने की को‍शिश कर रहे हैं. जाहिर है भाजपा में जाने से उन्‍हें नुकसान ही होगा.

Also Read: शिवपाल यादव के बयान से मुलायम परिवार में फिर बढ़ेंगी दूरियां! अखिलेश यादव के व्यवहार से हैं आहत

दुविधा में है यूपी का मुसलमान

यूपी में साल 2019 में संसदीय चुनाव में ही एम वाई फैक्‍टर को देखा गया था. पिछले कुछ सालों से मुसलमानों का अधिकांश वोट बसपा और सपा में बंटता आ रहा है. हालांकि, 2022 में बसपा को इसका कोई लाभ नहीं मिला. 2022 के विधानसभा चुनावों में मुसलमानों ने बड़ी संख्‍या में अखिलेश यादव का समर्थन किया. हालांकि, मुस्लिम+यादव समीकरण के पूरी तरह अपने पाले में होने के बावजूद अखिलेश जीत दर्ज कर पाने में नाकाम रहे. यूपी के मुसलमानों की दुविधा बढ़ गई है. वे अपने सिरमौर की तलाश कर रहे हैं. श‍िवपाल सिंह यादव इसी को भुनाने का प्रयास कर रहे हैं. उत्तर प्रदेश में अंसारी परिवार, आजम खान, शकुर्रहमान बर्क, नाहिद हसन समेत तमाम मुस्लिम नेता हैं जिनकी अपने-अपने इलाकों में अच्छी पकड़ है. वे मुसलमानों की एक नई लीडरशिप तैयार कर सकते हैं. ऐसे में प्रसपा का यह प्रयास यद‍ि आजम खान की हामी से सफल हो गया तो वे सपा को दिक्‍कत में डाल सकते हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें