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Noida News: नोएडा में बिल्डर्स के कतर दिए गए पंख, अब सुपर एरिया की जगह कारपेट एरिया के हिसाब से होगी रजिस्ट्री

नोएडा प्राधिकरण क्षेत्र में बन रही बहुमंजिला आवासीय सोसायटी के आवंटियों को प्राधिकरण की तरफ से बड़ी राहत दी गई है. यहां अब तक सुपर एरिया (कवर्ड एरिया) के हिसाब से रजिस्ट्री की जाती थी.

Noida News : नोएडा में अब सम्पत्ति की रजिस्ट्री करवाते समय आमजन को बिल्डर्स नहीं लूट पाएंगे. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री को लेकर बड़ा कदम उठाया है. इस नए फेरबदल के तहत अब नोएडा अथॉरिटी का फ्लैट रजिस्ट्री का नियम बदल दिया गया है. नए नियम के मुताबिक अब कारपेट एरिया के हिसाब से रजिस्ट्री की जाएगी. पहले सुपर एरिया के हिसाब से रजिस्ट्री की जाती थी.

बता दें कि नोएडा प्राधिकरण क्षेत्र में बन रही बहुमंजिला आवासीय सोसायटी के आवंटियों को प्राधिकरण की तरफ से बड़ी राहत दी गई है. यहां अब तक सुपर एरिया (कवर्ड एरिया) के हिसाब से रजिस्ट्री की जाती थी. मगर अब कारपेट एरिया पर रजिस्ट्री कराने के निर्देश दे दिए हैं. यह आदेश नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने रेरा के निर्देश के बाद दिए हैं. यह व्यवस्था यूपी रेरा एक्ट 2016 के अनुरूप की गई है.

पत्र के माध्यम से जिलाधिकारी को बताया गया है कि रेरा अधिनियम के तहत प्रोमोटर और आवंटी के बीच होने वाले एग्रीमेंट फॉर सेल या लीज डीड का प्रारूप निर्धारित किया गया है. इसकी शर्त संख्या 1.2 में उल्लेख है कि अपार्टमेंट का कुल मूल्य कारपेट एरिया के आधार पर तय किया जाएगा. वहीं, शर्त संख्या 1.7 में उल्लेख किया गया है कि प्रोमोटर द्वारा भवन का निर्माण पूरा करने और कंप्लीशन सर्टिफिकेट प्राप्त करने के बाद आवंटी को अंतिम कारपेट एरिया कंफर्म किया जाएगा.

इसके बाद से यह स्पष्ट हो गया है कि अब प्रोमोटर को अपार्टमेंट का विक्रय केवल कारपेट एरिया के आधार पर करना होगा. अब तक विभिन्न परियोजनाओं में विक्रेता द्वारा अपने ब्राशर में सुपर एरिया का उल्लेख कर फ्लैट बेचे जाते रहे हैं. उसी आधार पर रजिस्ट्री भी कराई जा रही थी.

क्या होता है कारपेट एरिया?

अपार्टमेंट या फ्लैट का वह एरिया जिसमें आप कारपेट बिछाकर इस्तेमाल कर सकते हैं, उसे कारपेट एरिया कहते हैं. अपार्टमेंट या फ्लैट के कारपेट एरिया में अंदरूनी दीवारों की मोटाई, बिल्डिंग की लॉबी में इस्तेमाल की गई जगह, एलिवेटर्स, सीढ़ियां और खेलने का इलाका इत्यादि शामिल नहीं किया जाता है. इसके तहत एरिया कैलकुलेट करने का फॉर्मूला (कारपेट एरिया = बेडरूम का एरिया + लिविंग रूम + बालकनी + शौचालय – भीतरी दीवारों की मोटाई) के तहत की जाती है.

क्या होता है सुपर एरिया?

हाउसिंग सोसाइटी में ऐसी कई जगह होती हैं, जिनका इस्तेमाल सभी करते हैं. इन जगहों के रख-रखाव के लिए ग्राहक को हर महीने कुछ रुपए देने पड़ते हैं. खरीद के समय उसे इन जगहों के एक आनुपातिक हिस्से के लिए भी पैसा देना होता है. बिल्डर्स आमतौर पर लोडिंग फैक्टर का इस्तेमाल करते हैं-सुपर बिल्ड-अप एरिया तक पहुंचने के लिए कारपेट एरिया पर बनी जगह विशेष रूप से खरीदार को आवंटित नहीं की जाती हैं.

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Prabhat Khabar News Desk
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