लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधान परिषद के द्विवार्षिक चुनाव की प्रक्रिया आज 13 सीटों के चुनाव की अधिसूचना जारी होने के साथ प्रारंभ हो गयी. मतदान 26 अप्रैल को होगा. जबकि मतगणना भी उसी दिन होगी. राज्य निर्वाचन कार्यालय ने बताया कि विजय के लिए एक प्रत्याशी को पहली वरीयता के 29 मतों की आवश्यकता होगी.
आंकड़ों के मुताबिक भाजपा और उसके सहयोगी दल 13 में से 11 सीटें जीतने की स्थिति में हैं. सौ सदस्यीय उत्तर प्रदेश विधान परिषद में इस समय भाजपा के केवल 13 सदस्य हैं. वहीं सपा के 61, बसपा के नौ, कांग्रेस के दो, रालोद का एक और अन्य 12 सदस्य हैं. दो सीटें रिक्त हैं.
चुनाव आयोग के मुताबिक, सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और योगी सरकार के दो मंत्री महेन्द्र कुमार सिंह एवं मोहसिन रजा सहित 13 विधान परिषद सदस्यों का कार्यकाल पांच मई को समाप्त हो रहा है. जो 13 सीटें रिक्त हो रही हैं, उनमें से सात पर सपा, दो दो पर भाजपा और बसपा तथा एक पर रालोद का कब्जा था. तेरहवीं सीट सपा के पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी की है.अंबिका चौधरी के सपा से बसपा में जाने के बाद यह सीट रिक्त हुई थी.
अखिलेश के अलावा सपा के जिन छह विधान परिषद सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है, उनमें सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश चंद्र उत्तम, वरिष्ठ प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी, उमर अली खान, मधु गुप्ता, राम सकल गुर्जर और विजय यादव शामिल हैं. पांच मई को जिन अन्य विधान परिषद सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है, उनमें बसपा से विजय प्रताप एवं सुनील कुमार तथा रालोद के चौधरी मुश्ताक हैं. नामांकन करने की अंतिम तारीख 16 अप्रैल है. नामांकन पत्रों की जांच 17 अप्रैल को होगी. नामांकन वापस लेने की तारीख 19 अप्रैल है.