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बलिया मामले में पुलिस ने घोषित किया 50 हजार रुपये का इनाम, तीन आरोपित गिरफ्तार, मुख्य आरोपित अब भी फरार

बलिया : उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के रेवती थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर ग्राम में सरकारी सस्ते गल्ले के दुकान के आवंटन के दौरान गोलीबारी में एक व्यक्ति की हत्या के मामले में पुलिस ने फरार आरोपितों के खिलाफ इनाम घोषित किया है. साथ ही आरोपितों के खिलाफ रासुका व गैंगस्टर के अंतर्गत कार्रवाई की घोषणा की है.

बलिया : उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के रेवती थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर ग्राम में सरकारी सस्ते गल्ले के दुकान के आवंटन के दौरान गोलीबारी में एक व्यक्ति की हत्या के मामले में पुलिस ने फरार आरोपितों के खिलाफ इनाम घोषित किया है. साथ ही आरोपितों के खिलाफ रासुका व गैंगस्टर के अंतर्गत कार्रवाई की घोषणा की है. पुलिस के मुताबिक शनिवार को तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि शुक्रवार को दो की गिरफ्तारी की गयी थी. समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रतिनिधि मंडल ने घटना में मारे गये पीड़ित परिवार के घर पहुंचकर सांत्‍वना दी. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के नेताओं ने भी सरकार के खिलाफ तीखी प्रतिक्रिया व्‍यक्‍त की है.

अपर पुलिस अधीक्षक संजय यादव ने बताया कि पुलिस ने शनिवार को मुन्ना यादव, राजप्रताप यादव तथा राजन तिवारी को गिरफ्तार किया है, जबकि शुक्रवार को देवेंद्र प्रताप सिंह एवं नरेंद्र प्रताप सिंह को गिरफ्तार किया गया था. यादव के अनुसार, मामले में गिरफ्तार आरोपितों की संख्या अब पांच हो गयी है. इस मामले में कुल आठ नामजद एवं 20 से 25 अज्ञात आरोपित हैं. पुलिस ने पांचों आरोपितों को जेल भेज दिया है. मामले में मुख्य आरोपित सहित छह नामजद आरोपित अब भी फरार हैं.

पुलिस उप महानिरीक्षक सुभाष चंद्र दूबे ने रेवती कांड के फरार आरोपितों के विरुद्ध 50-50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है. साथ ही आरोपितों के विरुद्ध रासुका और गैंगस्टर के अंतर्गत कार्रवाई की घोषणा भी की है. इसके पहले पुलिस अधीक्षक देवेंद्र नाथ के स्‍तर पर फरार आरोपितों के विरुद्ध 25-25 हजार रुपये इनाम घोषित किये गये थे. घटना का मुख्य आरोपित धीरेंद्र प्रताप सिंह डब्ल्यू अब भी फरार है, जिसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने 12 टीमें गठित की है.

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर पार्टी का आठ सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल दयाराम पाल की अगुवाई में दुर्जन पुर कांड में मृतक पीड़ित के घर पहुंचा. प्रतिनिधिमंडल पीड़ित परिवार से मिला. उसने घटना के संबंध में विस्तृत जानकारी ली एवं संवेदना प्रकट की. दल से परिवार के लोगों ने 50 लाख रुपये, एक व्यक्ति को नौकरी, आवास व मृतक की पत्नी को पेंशन की मांग की. प्रतिनिधि मंडल में दयाराम पाल के अलावा श्याम लाल पाल, डॉक्टर अवध नाथ पाल, रमाशंकर विद्यार्थी, जय प्रकाश अंचल, राजमंगल यादव, संग्राम सिंह यादव व नारद राय रहे. दयाराम पाल ने कहा कि वह रिपोर्ट पार्टी अध्‍यक्ष को सौंपेंगे.

विधानसभा में बहुजन समाज पार्टी के दल नेता लालजी वर्मा ने तो दुर्जनपुर कांड में आरोपितों का बचाव करनेवालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की है. बलिया पहुंचे लालजी वर्मा ने कहा कि जो भी आरोपितों का बचाने का कार्य कर रहे हैं, उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जिस तरह से अधिकारियों की उपस्थिति में हत्या की गयी, वह उत्तर प्रदेश में जंगल राज होने का प्रमाण है.

पूर्व मंत्री एवं बसपा के वरिष्ठ नेता अंबिका चौधरी ने कहा कि दुर्जनपुर की घटना संपूर्ण प्रदेश के कानून व्यवस्था के संदर्भ में योगी सरकार की विफलता की एक कड़ी है. भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह ने रेवती कांड में दूसरे पक्ष की तरफ से मुकदमा दर्ज करने के लिए जिला प्रशासन को एक सप्ताह का समय दिया है तथा मुकदमा दर्ज नहीं होने पर एक सप्ताह के बाद समर्थकों के साथ स्वयं रेवती थाना पर धरना देने की चेतावनी दी है.

उन्होंने जानकारी दी कि उनकी इस मसले शासन के आला अधिकारियों से दूरभाष पर बातचीत हुई है. आरोपियों के बचाव में खुलकर सामने आये भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह फफक कर रोने लगे. उन्होंने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि अखिलेश यादव ने अपनी सरकार के समय यादवों द्वारा किये गये हत्या पर चुप्पी साध रखी थी. उन्होंने कहा कि यदि अखिलेश यादव जमकर यादव कार्ड खेल सकते हैं, तो वह भी सवर्णों के साथ हैं.

इस बीच, मुख्य आरोपित धीरेंद्र प्रताप सिंह ने स्वयं को निर्दोष करार देते हुए दावा किया है कि रेवती की घटना में उसके परिवार के एक व्यक्ति की भी मौत हो गयी है तथा आधा दर्जन लोग घायल हैं. धीरेंद्र प्रताप सिंह डब्ल्यू ने सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर शुक्रवार रात जारी वीडियो में स्वयं को पूर्व सैनिक संगठन का अध्यक्ष बताया.

उसने घटना को पूर्व नियोजित करार देते हुए कहा है कि उसने आवंटन के लिए बैठक शुरू होते ही उप जिलाधिकारी, पुलिस उपाधीक्षक व अन्य अधिकारियों से बवाल होने की संभावना जतायी थी, लेकिन अधिकारियों ने उसकी बात पर कोई ध्यान नही दिया. धीरेंद्र ने कहा कि अधिकारियों की मौजूदगी में उसके 80 वर्षीय वृद्ध पिता व भाभी पर हमला किया गया. उसने अधिकारियों पर दूसरे पक्ष से मिलीभगत का आरोप लगाते हुए दावा किया है और कहा कि कि इस घटना में उसके परिवार के एक व्यक्ति की मौत होने की सूचना उसे मिली है.

उसके अनुसार एक व्यक्ति की हालत नाजुक बनी हुई है एवं घटना में उसके पक्ष के आठ से अधिक लोग घायल हुए हैं. उन्होंने कहा है कि उसे नही जानकारी है कि जय प्रकाश पाल गामा की मौत किसकी गोली लगने से हुई है. उसने प्रशासन पर उत्पीड़न करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि उसकी शिकायत पर पुलिस मुकदमा दर्ज नहीं कर रही. गौरतलब है कि जिले के रेवती थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर ग्राम में गुरुवार को सरकारी सस्ते गल्ले के दुकान के चयन के दौरान गोली चलने से एक व्यक्ति की मौत हो गयी थी तथा कई लोग घायल हो गये थे.

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