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Rourkela News : छापेमारी में तीन करोड़ से अधिक की संपत्ति का चला पता, सुपरिटेंडेंट इंजीनियर सुरेंद्र बेहेरा गिरफ्तार

सोमवार को सिंचाई विभाग के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर सुरेंद्र बेहेरा के आठ ठिकानों पर विजिलेंस ने मारा था छापा

Rourkela News : ओडिशा के अनुगुल जिले में सिंचाई विभाग के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर सुरेंद्र बेहरा के आठ ठिकानों पर चल रही छापेमारी के बाद अब तक तीन करोड़ से अधिक की संपत्ति का खुलासा हुआ है. विजिलेंस के एसपी एसएन पाणीग्राही ने मंगलवार को हॉकी चौक के पास स्थित अपने कार्यालय में मीडिया को बताया कि अभी और भी खुलासे होने बाकी हैं. उनके एक बैंक लॉकर को अभी खोला नहीं गया है. उसकी भी जांच होगी. अब तक की तफ्तीश में पता चला है कि वे अपने रिश्तेदारों और नजदीकियों को ठेका देते थे और घटिया स्तर का काम करने के बावजूद बिल पास कराया जाता था. इससे उन्होंने यह अवैध संपत्ति अर्जित की है. फिलहाल उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है और अदालत में पेश किया जा रहा है. एसपी ने कहा कि सोमवार को विजिलेंस ने भुवनेश्वर, राउरकेला, सुंदरगढ़, अनुगुल और गंजाम जिले के 8 स्थानों पर एक साथ छापेमारी की थी. ओडिशा सतर्कता विभाग ने सुंदरगढ़ के विशेष न्यायाधीश द्वारा जारी तलाशी वारंट के आधार पर यह कार्रवाई की थी. विजिलेंस की टीम में 3 डीएसपी, 10 निरीक्षक, 4 एएसआई और अन्य सहायक कर्मचारी भुवनेश्वर, राउरकेला, सुंदरगढ़, अंगुल, गंजम में उनके निम्नलिखित 8 स्थानों पर एक साथ तलाशी ले रहे हैं.

इन संपत्तियों का हुआ खुलासा

– सुंदरगढ़, सुंदरगढ़ जिले में स्थित तीन मंजिला इमारत

– एम/20, छेंड, गोपबंधु नगर, फेज-2 राउरकेला में स्थित दो मंजिला इमारत- फ्लैट संख्या 403, ऑरविल्ला-1, फेज-3, कुराकिया, भुवनेश्वर- फ्लैट संख्या 402, ऑरविल्ला-1, फेज-3, कुराकिया, भुवनेश्वर

– रंझाली गांव, पुरुषोत्तमपुर थाना, गंजाम जिला-अलादिगांव, पुरुषोत्तमपुर, बेहेरासाही, गंजाम जिला

सुंदरगढ़ में जब थे पोस्टेड उस समय भी उठे थे सवाल:

अनुगुल सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता सुरेंद्र बेहेरा के ठिकानों से विजिलेंस की टीम सभी कागजात खंगाल रही है. सुंदरगढ़ स्थित उनके घर में सुरेंद्र बेहरा की बड़ी बहन और पत्नी रहती हैं. सुरेंद्र बेहरा 2016 से 2022 तक सुंदरगढ़ आइटीडीए में सहायक कार्यकारी अभियंता के पद पर तैनात थे. उस समय उन पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे थे. आरोप थे कि उन्होंने सभी विभागीय कार्यों का खुद ही ठेका ले लिया और कई पुराने कार्यों को चूना लगाकर नया काम दिखाकर करोड़ों रुपये का बिल बनाकर हड़प लिया. मामले ने उस समय सुर्खियां बटोरी थी. यहां तक कि आरटीआइ कार्यकर्ता सुशील गुप्ता ने भूख हड़ताल भी की थी. इसके बाद जांच के दौरान ही तत्कालीन जिलाधिकारी निखिल पवन कल्याण का तबादला हो गया था.

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