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Rourkela News : भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की सफलता सामूहिक प्रयास का नतीजा : डॉ वी नारायणन

इसरो के अध्यक्ष डॉ वी नारायणन ने किया सेंटर का वर्चुअल उद्घाटन

Rourkela News : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष डॉ वी नारायणन ने बुधवार को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआइटी), राउरकेला में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी इनक्यूबेशन सेंटर (एसटीआइसी) का वर्चुअल उद्घाटन किया. उद्घाटन समारोह एनआइटी राउरकेला के प्राणकृष्ण परिजा सभागार में आयोजित किया गया, जिसमें इसरो के अधिकारी उपस्थित थे. मुख्य अतिथि डॉ नारायणन और सम्मानित अतिथि एम गणेश पिल्लई (वैज्ञानिक सचिव, इसरो), ऑनलाइन कार्यक्रम में शामिल हुए.

एसटीआइसी सुविधा का उद्घाटन करते हुए इसरो के अध्यक्ष और कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ वी नारायणन ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण अवसर है क्योंकि हम एनआइटी राउरकेला में इस एसटीआईसी सुविधा का उद्घाटन कर रहे हैं और अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर अपने उल्लेखनीय मिशन के बाद सुनीता विलियम्स और उनके साथी अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी का जश्न भी मना रहे हैं. डॉ नारायणन ने इसरो के चल रहे मिशनों पर प्रकाश डाला, जिसमें वीनस ऑर्बिटर मिशन, चंद्रयान-4 और चंद्रयान-5, तथा भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजने के लिए महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन शामिल हैं. उन्होंने कहा कि भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की सफलता एक सामूहिक प्रयास है, जिसमें इसरो टीम, औद्योगिक साझेदार और आइआइटी तथा एनआइटी जैसे संस्थान सहित शिक्षाविद शामिल हैं. 20 विभागों, उत्कृष्ट संकाय और उत्कृष्ट बुनियादी ढांचे के साथ, एनआइटी राउरकेला अंतरिक्ष अनुसंधान पर केंद्रित केंद्र के लिए आदर्श स्थान है. मैं छात्रों से एसटीआइसी एनआइटी राउरकेला में अवसरों को अपनाने और अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आग्रह करता हूं.

कार्यक्रम की शुरुआत जी हरिकृष्णन (इसरो में क्षमता निर्माण कार्यक्रम कार्यालय के निदेशक) द्वारा एसटीआइसी, एनआइटी राउरकेला पर संक्षिप्त जानकारी के साथ हुई.उन्होंने कहा कि एसटीआइसी को अकादमिक नींव को मजबूत करने, उच्च गुणवत्ता वाले मानव संसाधन विकसित करने और भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का समर्थन करने के लिए शैक्षणिक संस्थानों में बुनियादी ढांचे का निर्माण करने के लिए डिजाइन किया गया है. इसे सुविधाजनक बनाने के लिए इसरो और एनआइटी राउरकेला के बीच चार साल पहले एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गये थे. तब से लगभग 1.7 करोड़ रुपये की लागत वाली आठ परियोजनाएं चल रही हैं. मैं एनआइटी राउरकेला में अत्याधुनिक आरएंडडी सुविधाओं से वास्तव में प्रभावित हूं और मेरा दृढ़ विश्वास है कि नयी एसटीआइसी सुविधा संस्थान के क्षितिज का और विस्तार करेगी, जिससे अधिक अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी परियोजनाओं को लॉन्च करने में मदद मिलेगी.

अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी अनुसंधान को आगे बढ़ाने के लिए युवा प्रतिभाओं को पोषित करने पर जोर :

इसरो के वैज्ञानिक सचिव एम गणेश पिल्लई इस कार्यक्रम में सम्मानित अतिथि के रूप में ऑनलाइन शामिल हुए. उन्होंने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी अनुसंधान को आगे बढ़ाने के लिए युवा प्रतिभाओं को पोषित करने और शिक्षाविदों और उद्योग के बीच सहयोग के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि इसरो ने भारत में छह क्षेत्रों में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी इनक्यूबेशन केंद्र स्थापित किए हैं और एनआइटी राउरकेला पूर्वी क्षेत्र का केंद्र होगा, जिसमें ओडिशा, पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह शामिल होंगे.

भारत के पूर्वी क्षेत्र की सेवा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है एनआइटी राउरकेला :

एनआइटी राउरकेला के निदेशक प्रो. के उमामहेश्वर राव ने इसरो के साथ एनआइटी राउरकेला के जुड़ाव पर कहा कि यह बहुत गर्व का क्षण है कि आज हम एनआइटी राउरकेला में एक अत्याधुनिक अंतरिक्ष अनुसंधान सुविधा का उद्घाटन कर रहे हैं. मुझे गर्व है कि हमारा संस्थान भारत के पूर्वी क्षेत्र की सेवा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिससे अधिक अंतरिक्ष अन्वेषण परियोजनाएं और नवाचार संभव हो रहे हैं. इस कार्यक्रम में एनआइटी राउरकेला के पूर्व निदेशक प्रो सुनील कुमार षाड़ंगी ने वर्चुअल संबोधन भी दिया.

एसटीआइसी के समन्वयक ने नयी सुविधाओं के बारे में जानकारी साझा की :

एनआइटी राउरकेला में एसटीआइसी के समन्वयक डॉ अनंत सी प्रधान ने नयी सुविधा के बारे में जानकारी साझा की. बताया कि शैक्षणिक संस्थानों/कॉलेजों/संगठनों/उद्योगों के छात्रों, शोधकर्ताओं और उद्योग पेशेवरों को इसरो द्वारा प्रदान की गयी वास्तविक परियोजनाओं पर काम करने का अवसर मिलेगा, जिसका मार्गदर्शन इसरो, उद्योग और एनआईटी राउरकेला के विशेषज्ञ संकाय और सलाहकार करेंगे. उन्होंने कहा कि यह केंद्र छात्रों को भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों के लिए अंतःविषयक उत्पाद विकसित करने में भी सक्षम बनायेगा.

एसटीआइसी पहल का समन्वय इसरो के क्षमता निर्माण कार्यक्रम कार्यालय (सीबीपीओ) द्वारा किया जाता है, जो देश भर में इनक्यूबेशन केंद्रों से संबंधित गतिविधियों की देखरेख करता है. 18 मार्च, 2021 को इसरो और एनआइटी राउरकेला के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन ने इस सहयोग के लिए मंच तैयार किया है. यह नयी सुविधा अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगी, जिससे छात्रों को भारत के अंतरिक्ष अन्वेषण लक्ष्यों में योगदान करने का अवसर मिलेगा. अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी इनक्यूबेशन केंद्र से आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत आत्मनिर्भर अंतरिक्ष क्षेत्र की ओर भारत की प्रगति को गति मिलने की उम्मीद है.

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