Bhubaneswar News: ओडिशा सरकार ने राज्य में 500 किलोमीटर आपदा-रोधी सड़कें बनाने के लिए 1,000 करोड़ रुपये की लागत वाली एक नयी योजना को मंजूरी दी है. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. यह निर्णय बुधवार शाम मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में लिया गया. राज्य के मुख्य सचिव मनोज आहूजा ने बैठक के बाद बताया कि इस योजना का उद्देश्य आपदाओं के दौरान और बाद में संपर्क में न्यूनतम बाधा सुनिश्चित करने के लिए मजबूत सड़क ढांचा तैयार करना है, ताकि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में आपातकालीन सेवाओं की निर्बाध पहुंच बनी रहे.
आपदा बहुल इलाकों में जीवन रेखा के रूप में काम करेंगी सड़कें
मनोज आहूजा ने कहा कि ये सड़कें इस तरह से बनायी जायेंगी कि आपदाओं के दौरान न्यूनतम क्षति हो और कम रखरखाव में भी ये कार्यशील बनी रहें. ये सड़कें आपदा बहुल इलाकों में जीवन रेखा के रूप में काम करेंगी. योजना को वित्तीय वर्ष 2025-26 से 2029-30 तक पांच वर्षों की अवधि में लागू किया जायेगा और इसके लिए हर वर्ष 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. कैबिनेट ने विधानसभा क्षेत्रवार आवंटन योजना को भी मंजूरी दी है, जिसका उद्देश्य राज्य के 142 विधानसभा क्षेत्रों में ग्रामीण विकास की सड़कों का निर्माण और उन्नयन करना है. यह योजना 2024-25 से 2026-27 तक तीन वर्षों में लागू की जायेगी और इसके लिए 426 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गयी है.
मुख्यमंत्री बस सेवा योजना को भी मंजूरी मिली
मुख्य सचिव ने बताया कि कैबिनेट ने मुख्यमंत्री बस सेवा नामक योजना को भी मंजूरी दी है, जिसके तहत राज्य के सभी प्रमुख व्यापारिक केंद्रों, शैक्षिक संस्थानों, चिकित्सा केंद्रों और अन्य महत्वपूर्ण स्थलों को सार्वजनिक परिवहन से जोड़ा जायेगा. इस योजना के तहत महिलाओं, ट्रांसजेंडर, विद्यार्थियों, दिव्यांगों और वरिष्ठ नागरिकों को एसी और नॉन-एसी बस सेवाओं में किराये पर 50 प्रतिशत की रियायत दी जायेगी. इस योजना पर तीन वर्षों में कुल 3,278 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे.
मुफ्त डायग्नोस्टिक व डायलिसिस सेवाओं को जारी रखने की मंजूरी
कैबिनेट ने ‘निर्मल: सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों में सहायक सेवाओं को सुदृढ़ करना’ योजना को पांच वर्षों के लिए जारी रखने की मंजूरी दी है, जिसके तहत मरीजों को बेहतर माहौल और गुणवत्तापूर्ण देखभाल प्रदान की जायेगी. इस योजना पर अनुमानित 5,174.79 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग की निदान योजना और मुफ्त डायग्नोस्टिक व डायलिसिस सेवाओं को भी आगामी पांच वर्षों तक जारी रखने की मंजूरी दी गयी है. इसके लिए 2,459.51 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों में जैव-चिकित्सकीय कचरे के प्रबंधन के लिए भी 2,021.87 करोड़ रुपये राज्य बजट से खर्च किये जायेंगे. अधिकारियों ने बताया कि कैबिनेट ने ओडिशा वेटरिनरी टेक्निकल सेवा संवर्ग में 113 नये पद सृजित करने को भी मंजूरी दी है, जिससे संवर्ग की कुल संख्या बढ़कर 4,158 हो गयी है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है