Bhubaneswar News : ओडिशा क्राइम ब्रांच ने सब-इंस्पेक्टर (एसआइ) भर्ती परीक्षा घोटाले की जांच का जिम्मा डिप्टी सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस (डीएसपी) रत्नप्रभा सतपथी को सौंपा है. यह मामला, जो मूल रूप से गंजाम जिले के गोलंथरा थाना (केस संख्या 447/2025) में दर्ज हुआ था, अब विस्तृत जांच के लिए औपचारिक रूप से क्राइम ब्रांच को स्थानांतरित किया गया है. सीआइडी-क्राइम ब्रांच के महानिदेशक द्वारा जारी आदेश के अनुसार, सतपथी पीएमआर-410(ए) के प्रावधानों के तहत जांच का कार्यभार संभालेंगी. वहीं, एसपी अनिल कुमार बेउरिया को पर्यवेक्षण अधिकारी नियुक्त किया गया है, जो जांच की निगरानी करेंगे और आवश्यकतानुसार पर्यवेक्षण नोट जारी करेंगे. आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि रत्नप्रभा सतपथी (ओपीएस, डीएसपी), सीआइडी-क्राइम ब्रांच, कटक को उक्त मामले और इससे जुड़े सभी मामलों की तत्काल प्रभाव से जांच करने के लिए नामित किया जाता है. उन्हें पीएमआर-431(सी) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करने का अधिकार होगा. यह हाई-प्रोफाइल मामला भारतीय न्याय संहिता तथा ओडिशा पब्लिक एग्जामिनेशन (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज किया गया है, जिसमें पुलिस भर्ती प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर हेराफेरी और भ्रष्टाचार का आरोप है. पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस घोटाले के कथित सरगना शंकर पृष्टि और मुना मोहंती की तलाश जारी है, जो अब भी फरार हैं. प्रारंभिक जांच से पता चला है कि यह रैकेट बिचौलियों के नेटवर्क द्वारा संचालित था, जो अभ्यर्थियों से चयन सुनिश्चित करने के बदले लगभग 25 लाख रुपये की मांग करते थे. उम्मीदवारों को कथित तौर पर ‘विशेष कोचिंग’ के लिए ओडिशा से बाहर ले जाया जाता था और भुगतान पूरा होने तक उनके मूल प्रमाणपत्र गिरवी रखे जाते थे. अब तक इस धोखाधड़ी के संबंध में 117 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें 114 अभ्यर्थी और तीन बिचौलिए शामिल हैं. अधिकारियों ने बताया कि क्राइम ब्रांच अब घोटाले के व्यापक नेटवर्क का पर्दाफाश करने, वित्तीय लेनदेन की पहचान करने और हर स्तर पर जवाबदेही सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करेगी.
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