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Sundargarh News: करोड़ों की खनिज लूट में सिर्फ चार युवकों को पकड़कर वाहवाही लूट रही पुलिस

Sundargarh News: सुंदरगढ़ जिले में बड़े पैमाने पर खनिज लूट के मामले में महज चार मजदूरों की गिरफ्तारी के बाद प्रशासन व पुलिस ने चुप्पी साध ली है.

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Sundargarh News: सुंदरगढ़ जिले में बड़े पैमाने पर खनिज लूट के मामले में महज चार युवकों ( मजदूर) की गिरफ्तारी के बाद प्रशासन व पुलिस ने चुप्पी साध ली है. पुलिस प्रशासन ने यह मान चुका है कि इतने बड़े पैमाने पर खनन लूट के पीछे इन्हीं मजदूर वर्ग से इन्हीं चारों युवकों (छाेटी मछली) का हाथ था. लेकिन, करोड़ों की खनिज लूट के मामले में बड़े लोगों की संलिप्तता (बड़ी मछलियों) तक पुलिस पहुंच पायेगी या नहीं, इस पर सबकी निगाहें हैं.

दाे-दो मंत्री, नाै सदस्यीय टीम की जांच के बाद पुलिस ने केवल चार मजदूरों की गिरफ्तारी की

विदित हो कि खनिज लूट का मामला सुर्खियों में आने के बाद राज्य में सत्तासीन भाजपा की सरकार हरकत में आयी है. इसी बीच खान एवं वन मंत्री नौ सदस्यीय जांच दल के साथ खदान लूट वाले क्षेत्र का निरीक्षण कर भुवनेश्वर लौट आये हैं. लेकिन, राज्य की सबसे बड़ी खनिज की लूट में चार मजदूरों की गिरफ्तारी और आर्यन कोल वाशरी को सील करने के अलावा कोई बड़ी कार्रवाई अब तक नहीं हुई है. सवाल उठता है कि इस मामले में हेमगिर के पूर्व तहसीलदार के खिलाफ अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गयी? आरोप है कि उनके नाम पर खनिज चोरी के बारे में सब कुछ जानते हुए भी उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की. सुंदरगढ़ जिलापाल की ओर से अब तक उनके खिलाफ कारण बताओ नोटिस ही जारी किया गया है. इस खनिज लूट मामले को लेकर गोपालपुर वन अधिकारी ने तत्कालीन हेमगिर तहसीलदार को दिनांक 11.5.2024 को पत्र लिखकर तेलेनडीह जंगल में खनिज चोरी की जानकारी दी थी. लेकिन, कार्रवाई नहीं की गयी. वन अधिकारी से पत्र मिलने के बाद भी तहसीलदार ने जिला प्रशासन को सूचित नहीं किया. यह बात सामने आने के बाद जिलापाल ने 5 अप्रैल 2025 को कारण बताओ नोटिस जारी किया जिसमें उनकी गलती के कारण सरकार को भारी राजस्व का नुकसान हुआ और कोयले की चोरी हुई. उन्हें तीन दिन के भीतर कारण बताने का आदेश दिया गया. उचित जवाब नहीं देने पर सख्त कार्रवाई की अनुशंसा किये जाने की बात कही गयी. तहसीलदार ने कारण बताओ नोटिस के छह दिन बाद अपना जवाब दाखिल किया. वन विभाग से पत्र मिलने के बाद उन्होंने अतिरिक्त तहसीलदार को जांच के आदेश दिये. इसके अलावा पूर्व तहसीलदार ने बताया कि वन अधिकारी द्वारा दिये गये पत्र के बारे में उनसे किसी उच्च अधिकारी ने नहीं पूछा. उनके उत्तर को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि उन्होंने जानबूझकर अपने कर्तव्य की उपेक्षा की. लेकिन, 10 दिन बीत चुके हैं और उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गयी है.

पीसीसी खनन समिति 23 को करेगी स्थिति की समीक्षा

अवैध खनन की स्थिति की निगरानी के लिए प्रदेश कांग्रेस खनन समिति दो दिवसीय दौरे पर सुंदरगढ़ का दौरा करेगी. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भक्तचरण दास की अध्यक्षता में जयपुर विधायक ताराप्रसाद बाहिनीपति, विधायक सागरचरण दास, विधायक अशोक दास, विधायक सत्यजीत गमंगो, विधायक डॉ सीएस राजेन एक्का को सदस्य बनाकर उक्त खनन समिति का गठन किया गया है. कांग्रेस नेता निर्मल नायक को सुंदरगढ़ जिला समन्वयक नियुक्त किया गया है. समिति 22 अप्रैल की रात सुंदरगढ़ पहुंचेगी, स्थानीय रेस्टहाउस में ठहरेगी और 23 तारीख की सुबह 8:30 बजे हेमगिर खनन क्षेत्र के लिए रवाना होगी. दिनभर क्षेत्र की स्थिति पर नजर रखने के बाद वह विस्थापित लोगों से चर्चा करेंगी और रात आठ बजे सुंदरगढ़ लौट आयेगी. 24 तारीख की सुबह समिति राजगांगपुर जायेगी और स्थानीय लोगों के साथ खनन अनियमितताओं और विस्थापन की समस्याओं पर चर्चा करेगी. अपराह्न तीन बजे जिलापाल, एसपी , वन अधिकारी, खान उपनिदेशक और क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करने के बाद शाम छह बजे एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करने का कार्यक्रम है.

खनिज चोरी में अंतरराज्यीय खदान माफिया की संलिप्तता की आशंका

हेमगिर के तेलेनडीही जंगल में अवैध खनन का मामला सामने आने के बाद कोइड़ा माइनिंग सेक्टर में भी खनिज संपदा की चोरी का मामला सामने आया है. लेकिन इन मामलों में जिस तरह से तेलंगाना व राजस्थान के पंजीकरण नंबर वाले वाहनों की जब्ती हो रही है. इसे ध्यान में रखते हुए इस की जांच कराना जरूरी है कि यहां पर स्थानीय खदान माफिया अपने वाहनों को तेलंगाना व राजस्थान से पंजीकृत करवाकर यहां खनिज संपदा की चोरी में इस्तेमाल कर रहे हैं या फिर इस चोरी के पीछे तेलंगाना व राजस्थान से जुड़े खदान माफिया का हाथ है. विदित हो कि गत 23 मार्च काे केबलांग पुलिस ने तेलंगाना राज्य की पंजीकरण नंबर वाले चार वाहनों को जब्त कर इसमें संलिप्त चार लोगों को गिरफ्तार किया था. उसी प्रकार गत शुक्रवार की रात भी राजस्थान के पंजीकरण नंबर वाले तीन वाहनों को जब्त करने के साथ पांच आरोपियेां को गिरफ्तार किया गया था. लेकिन इन दोनों ही मामले में खनिज संपदा की चोरी करनेवाले खदान माफिया से जुड़े किसी सरगना की गिरफ्तारी होने की सूचना नही है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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