Rourkela News : साइबर ठगी के मामले की सुनवाई करते हुए अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट गीतांजलि नंदा ने दोषी को 5,000 रुपये के जुर्माने के साथ छह साल के कारावास की सजा सुनायी है. जुर्माना अदा नहीं करने पर छह महीने जेल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. दोषी उत्तर प्रदेश के बलिया का रहने वाला विकास ओझा है. वह नोएडा में रह रहा था और अपने साथियों के साथ राज्य के विभिन्न लोगों को विभिन्न तरीकों से ठग रहा था. जानकारी के अनुसार राउरकेला के वसीम अख्तर ने गत 19 मई, 2022 को राउरकेला साइबर पुलिस स्टेशन में एक लिखित शिकायत दर्ज करायी थी. शिकायत में कहा था कि 5 मई, 2022 को एचडीएफसी इंश्योरेंस कंपनी के कर्मचारी के तौर पर अपना परिचय देकर एक अज्ञात व्यक्ति ने फोन किया. उसने कहा था कि आप पॉलिसी की नियमित किस्तों का भुगतान क्यों नहीं कर रहे हैं? अज्ञात व्यक्ति ने कहा कि यदि 24,416 रुपये की पॉलिसी की किस्त का भुगतान नहीं किया जाता है तो पॉलिसी को निपटान के लिए भेज दिया जायेगा. यह भी कहा कि दिये गये नंबर पर नियमित किस्त भेजेंगे तो आपकी पॉलिसी चालू हो जायेगी. वसीम ने उसकी बातों में आकर उस नंबर पर 55 लाख रुपये भेजे थे. जिसके बाद जब उन्हें ठगी का शिकार होने का पता चला तो साइबर थाने में शिकायत दर्ज करायी थी. इसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर विकास ओझा और उसके एक साथी को गिरफ्तार कर अदालत में मुकदमा चलाया. सरकार की ओर से अक्षय साहू मामले की पैरवी कर रहे थे.
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