Rourkela News : सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (सीटू) का सातवां सुंदरगढ़ जिला सांगठनिक सम्मेलन रविवार को स्थानीय श्रमिक भवन, सेक्टर-16 में हुआ. सम्मेलन की शुरुआत में सीटू के जिला अध्यक्ष विधायक लक्ष्मण मुंडा ने संगठन का लाल झंडा फहराया. सम्मेलन का औपचारिक उद्घाटन सीटू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राज्य महासचिव विष्णु मोहंती ने किया. इस अवसर पर अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि 21 नवंबर को मोदी सरकार ने चार लेबर कोड लागू किये हैं, जो देश के मजदूर वर्ग के लिए एक काला युग की तरह है. मजदूर वर्ग ने आजादी से पहले और बाद में विभिन्न लेबर कानूनों को लागू करवाने के लिए बहुत संघर्ष किया था, लेकिन मोदी सरकार ने कोरोना काल में संसद में सभी कानून पास कर दिये, लेकिन देश के मजदूरों और ट्रेड यूनियनों ने सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर इसे रोक दिया. 21 नवंबर को यह लेबर कोड लागू कर दिया गया और देश के मजदूर वर्ग को गुलामी में धकेल दिया गया. इस कोड में रोजाना काम का दिन 8 घंटे की जगह 10 घंटे कर दिया गया, महिलाओं को रात में काम करने के लिए मजबूर किया जायेगा और मजदूर वर्ग से ट्रेड यूनियन बनाने का अधिकार बड़ी चालाकी से छीना जा रहा है. उन्होंने मजदूर वर्ग से आने वाले दिनों में इसके खिलाफ़ बड़े पैमाने पर मजदूर आंदोलन के लिए एकजुट होने का आह्वान किया. इस सम्मेलन में स्टील, सीमेंट, माइनिंग, कंस्ट्रक्शन, ट्रांसपोर्ट, आशा, आंगनवाड़ी, कोयला और इंडस्ट्रियल मजदूरों समेत जिले के अलग-अलग इंडस्ट्रीज के नेताओं ने महासचिव की पेश की गयी रिपोर्ट पर अपनी राय दी और आने वाले दिनों में संगठन को मजबूत करने और सरकार की जनविरोधी और मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ एक मजबूत आंदोलन शुरू करने का प्रस्ताव रखा. इस सम्मेलन में वरिष्ठ माकपा नेता जहांगीर अली ने लेबर कोड के खिलाफ विरोध का प्रस्ताव रखा, जबकि हृदयानंद यादव ने इसका समर्थन किया. श्रमिक नेता प्रमोद सामल ने खदानों और पब्लिक सेक्टर के उद्यमों के निजीकरण के खिलाफ़ विरोध का प्रस्ताव रखा और प्रभात पंडा ने इसका समर्थन किया. इसमें राज किशोर प्रधान ने वेतन बढ़ोतरी और बेरोजगारी के खिलाफ विरोध का प्रस्ताव रखा और अजय शर्मा ने इसका समर्थन किया. ताजमुन नेहार ने महिलाओं के लिए रात में काम करने के राज्य सरकार के नोटिफिकेशन के खिलाफ विरोध का प्रस्ताव रखा और शकुंतला महाकुड़ ने इसका समर्थन किया. श्रीमंत बेहरा ने सांप्रदायिकता के खिलाफ विरोध का प्रस्ताव रखा और बीपी महापात्रा ने उसका समर्थन किया. जिला कार्यकारिणी व कार्यकारी कमेटी का चयन अंत में अगले 3 साल के लिए 46 सदस्यों वाली जिला कार्यकारिणी समिति व 51 सदस्यों वाली कार्यकारी कमेटी चुनी गयी. विधायक लक्ष्मण मुंडा अध्यक्ष चुने गए, महासचिव विमान माइती व काेषाध्यक्ष जहांगीर अली चुने गए, प्रमोद सामल, श्रीमंत बेहरा, बसंत नायक, सुरेंद्र दाश, प्रभात पंडा, बी.पी. महापात्रा, अजय शर्मा, सुशीला मुंडा, हृदयानंद यादव, ययाति केशरी साहू उपाध्यक्ष चुने गए. आनंद मासी हारो, राज किशोर प्रधान, सुरेश मुदली, एस. सुरीन, ताजमुन नेहार, अक्षय महांत, अरु दास, अटल स्वाईं, शकुंतला महाकुड़, दिवाकर महाराणा, रत्नाकर नायक, सहदेव नायक, लक्ष्मीधर नायक, प्रभात मोहंती, बिनय बेहुरिया, विश्वजीत माझी, बच्चीराम बेहरा, सुरेंद्र मोहंती, अजीत एक्का, अशोक सामल, एनएन पाणिग्राही को सचिव के रूप में चुना गया. क्षीरोद बेहरा, रंजन बेहरा, संबित स्वाईं, गोपी महांत, सुदर्शन पात्र, अजीत दास, उपेंद्र त्रिपाठी, आशुतोष सिन्हा, प्रदीप सेठी, यज्ञेश्वर साहू, रमिला साई, विश्वनाथ लेंका संयुक्त सचिव के तौर पर चुना गया. सीटू का राज्य सम्मेलन 12 से 14 दिसंबर तक तीन दिनों के लिए पारादीप में आयोजित किया जायेगा और इसे सफल बनाने का आग्रह किया गया.
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