jharsuguda news : आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने बेलपहाड़ नगरपालिका में भ्रष्टाचार के मामले में मंगलवार को मयूरभंज जिले के जामदा की पूर्व कार्यपालक अधिकारी और निलंबित तहसीलदार मधुस्मिता सिंह को गिरफ्तार किया है. इओडब्ल्यू बेलपहाड़ नगरपालिका भ्रष्टाचार मामले की जांच कर रही है. जांच में पाया गया कि न केवल पूर्व कार्यपालक अधिकारी के कार्यकाल में, बल्कि वर्तमान कार्यपालक अधिकारी गौरवचंद्र प्रधान के कार्यकाल में भी बिना कैश बुक की जांच किये 2 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया गया. विश्वसनीय सूत्रों ने बताया है कि घटना के बाद इओडब्ल्यू ने गौरवचंद्र प्रधान को फिर से पूछताछ के लिए बुलाया है. श्री प्रधान के कार्यभार ग्रहण करने के समय कैश बुक कहां था, पैसे के भुगतान के दौरान उन्होंने कौन से दस्तावेज देखे, इन सभी पहलुओं की फिर से जांच की जा सकती है. इस बीच, भ्रष्टाचार के इस मामले में न केवल कोषागार विभाग, बल्कि कोषागार निदेशालय, डूडा (जिला शहरी विकास प्राधिकरण) विभाग और जिला प्रशासन की लापरवाही भी सामने आयी है. सवाल उठ रहे हैं कि नगरपालिका द्वारा बिलों, निधियों और कार्य संबंधी मामलों की समीक्षा के दौरान अधिकारियों की नजर में इतना बड़ा भ्रष्टाचार कैसे नहीं आया. गौरतलब है कि मधुस्मिता सिंह पर बेलपहाड़ में पदस्थ रहते हुए 4 करोड़ रुपये से ज्यादा की हेराफेरी का आरोप लगा था. शुरुआत में बेलपहाड़ पुलिस ने मामला दर्ज कर तत्कालीन लेखाकार विभूति साहू को गिरफ्तार किया था. 27 अगस्त को मामला आर्थिक अपराध शाखा (इओडब्ल्यू) को सौंपे जाने के बाद, 30 अगस्त को राज्य सरकार के राजस्व विभाग ने मधुस्मिता सिंह को निलंबित कर दिया था.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

