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Madhya Pradesh: ‘दोषी को फांसी की सजा हो’, पूर्व छात्र द्वारा जलाई गई प्राचार्य की बेटी ने कहा

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि सिमरोल थाना क्षेत्र स्थित बीएम कॉलेज ऑफ फार्मेसी के पूर्व छात्र आशुतोष श्रीवास्तव (24) ने महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. विमुक्ता शर्मा (54) को इस संस्थान के परिसर में 20 फरवरी को कथित अंकसूची विवाद में दिनदहाड़े पेट्रोल डालकर बुरी तरह जला दिया था.

Madhya Pradesh: इंदौर के एक निजी फार्मेसी महाविद्यालय के पूर्व छात्र द्वारा पेट्रोल छिड़क कर आग के हवाले कर दी गई 54 वर्षीय एक महिला प्राचार्य की बेटी ने ‘दोषी को फांसी की सजा देने की शनिवार को मांग की.’ महिला प्राचार्य की बेटी ने इसको लेकर रोष जताया कि गुरु को सर्वोच्च स्थान देने वाले समाज में एक पूर्व छात्र ने अपनी शिक्षिका की जान ले ली और कोई भी व्यक्ति इस जघन्य अपराध को रोक नहीं पाया.

क्या है पूरा मामला ?

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि सिमरोल थाना क्षेत्र स्थित बीएम कॉलेज ऑफ फार्मेसी के पूर्व छात्र आशुतोष श्रीवास्तव (24) ने महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. विमुक्ता शर्मा (54) को इस संस्थान के परिसर में 20 फरवरी को कथित अंकसूची विवाद में दिनदहाड़े पेट्रोल डालकर बुरी तरह जला दिया था. उन्होंने बताया कि अस्पताल में इलाज के दौरान महिला प्राचार्य ने शनिवार तड़के दम तोड़ दिया.

‘मां को शरीर की भयंकर जलन और दर्द भोगते देखा’

शर्मा की इकलौती संतान देवांशी ने अपने फार्मासिस्ट पिता मनोज शर्मा के साथ मां की चिता को मुखाग्नि दी. मां के अंतिम संस्कार के बाद भारी मन से घर लौटी बेटी ने पीटीआई-भाषा से कहा,‘श्रीवास्तव द्वारा पेट्रोल डालकर आग लगाए जाने से मेरी मां का 90 प्रतिशत शरीर जल चुका था. मैंने अस्पताल में अपनी मां को शरीर की भयंकर जलन और दर्द भोगते देखा है और इसके बदले इस शख्स को फांसी से कम सजा तो हो ही नहीं सकती.’

‘हत्या का मुकदमा फास्टट्रैक अदालत में चले’

उन्होंने सरकार से मांग की कि उनकी मां की हत्या का मुकदमा त्वरित सुनवायी (फास्टट्रैक) अदालत में चले और आरोपी को जल्द से जल्द फांसी की सजा दी जाए. शर्मा को याद करते हुए उनकी युवा बेटी का गला रुंध गया. देवांशी ने कहा,‘‘हमारी सामाजिक परंपराओं में गुरु को सर्वोच्च स्थान दिया जाता है. ऐसे में यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक शिक्षक (शर्मा) जिसने विद्यार्थियों के हित में पिछले 16 साल पूरे समर्पण से काम किया, उसका एक पूर्व छात्र के हाथों ऐसा हश्र हुआ और कोई भी उसके इस जघन्य कृत्य को रोक नहीं पाया.’’

पुलिस की कार्यप्रणाली पर उठाये जा रहे सवाल

इस बीच, इस घटना को लेकर पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाये जा रहे हैं. दिवंगत प्राचार्य की बेटी देवांशी 23 फरवरी को ‘‘पीटीआई-भाषा’’ से बातचीत के दौरान कह चुकी हैं कि श्रीवास्तव ने इस जघन्य कृत्य से महीनों पहले उनकी मां को वॉट्सऐप पर धमकी भरे संदेश भेजे थे, लेकिन पुलिस ने इस बारे में शिकायत मिलने के बावजूद कोई कदम नहीं उठाया.

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