शीना बोरा (Sheena Bora) हत्याकांड की मुख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी (Indrani mukherjee ) शुक्रवार को जेल से बाहर आ गईं. आदालत ने उन्हें 2 लाख रुपये के मुचलके पर बुधवार को जमानत दिया था, जिसके बाद शुक्रवार को इंद्राणी मुखर्जी को बायकुला जेल से रिहा कर दिया गया. जेल से बाहर निकलने के बाद इंद्राणी मुखर्जी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, मैं बहुत खुश हूं. मैंने उन सभी लोगों को माफ कर दिया है जिन्होंने मुझे चोट पहुंचाई है. मैंने जेल में बहुत कुछ सीखा है. बता दें कि इंद्राणी मु्खर्जी को साल 2015 में गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद से इंद्राणी मुखर्जी जेल में बंद थीं.
2015 में पुलिस ने किया था गिरफ्तार
इंद्राणी मुखर्जी ने कहा कि अभी घर जा रही हूं. अभी आगे की कोई योजना नहीं है, सिर्फ घर जाना है. इंद्राणी मुखर्जी को पनी बेटी शीना बोरा के हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. 24 अप्रैल 2012 से इंद्राणी मुखर्जी का ट्रायल चल रहा था. लेकिन पुलिस ने उन्हें 25 अगस्त 2015 को गिरफ्तार कर लिया था. बता दें कि, गिरफ्तारी के बाद इंद्राणी मुखर्जी अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार करती रही. उन्होंने अपने बयानों में शीना बोरा को कभी बेटी तो कभी बहन बताया और उसके अमरिका में रहने की बात कही थी. इसके बाद मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी.
इंद्राणी और शीना के बीच नहीं थे अच्छे सबंध
सीबीआई की जांच में यह बात सामने आई थी कि इंद्राणी और शीना के बीच संबंध अच्छे नहीं थे. शीना का संबंध अपने सौतेले भाई से बन गया था. वहीं जांच में यह बात भी सामने आई थी कि शीना इंद्राणी से मुंबई में एक फ्लैट की मांग कर रही थी. जिसके बाद से इंद्राणी अपने ड्राइवर के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची थी. इस हत्याकांड में इंद्राणी, उनके पहले पति संजीव खन्ना और दूसरे पति रहे पीटर मुखर्जी पर आरोप भी लगे थे.
रायगढ़ में मिला था शीना का क्षत-विक्षत शव
महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के जंगल में 2 मई 2012 को एक लड़की की अधजला शव मिला था. लेकिन क्षत-विक्षत होने के कारण शव की पहचान नहीं हो सकी थी. इधर जांच में जुटी पुलिस ने जब इंद्राणी के ड्राइवर से पूछताछ शुरू की, जिसके बाद ड्राइवर ने पुलिस के समाने मामले का खुलासा किया था.