25.1 C
Ranchi
Tuesday, March 19, 2024

BREAKING NEWS

Trending Tags:

महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण से ठीक हुए 8 लोगों की म्यूकोरमाइकोसिस से मौत, 200 लोगों का चल रहा इलाज

मुंबई : महाराष्ट्र में म्यूकोरमाइकोसिस (mucormycosis) यानी कि ब्लैक फंगस (Black Fungus) इंफेक्शन से 8 लोगों की मौत हो गयी है. इन सभी लोगों ने कोरोना को मात दे दी थी, लेकिन इस फंगस इंफेक्शन ने इनकी जान ले ली. राज्य में अभी भी करीब 200 लोगों का इलाज चल रहा है जिन्हें ब्लैक फंगस इंफेक्शन हो गया है. देश के कई हिस्सों से ब्लैक फंगस इंफेक्शन से लोगों की मौत की खबर आ रही है. या फिर कुछ मरीजों की आंखों की रोशनी चली जा रही है.

मुंबई : महाराष्ट्र में म्यूकोरमाइकोसिस (mucormycosis) यानी कि ब्लैक फंगस (Black Fungus) इंफेक्शन से 8 लोगों की मौत हो गयी है. इन सभी लोगों ने कोरोना को मात दे दी थी, लेकिन इस फंगस इंफेक्शन ने इनकी जान ले ली. राज्य में अभी भी करीब 200 लोगों का इलाज चल रहा है जिन्हें ब्लैक फंगस इंफेक्शन हो गया है. देश के कई हिस्सों से ब्लैक फंगस इंफेक्शन से लोगों की मौत की खबर आ रही है. या फिर कुछ मरीजों की आंखों की रोशनी चली जा रही है.

चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान निदेशालय (डीएमईआर) के प्रमुख, डॉक्टर तात्याराव लहाने ने पीटीआई भाषा से कहा कि म्यूकोरमाइकोसिस के मामले बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि राज्य के विभिन्न हिस्सों में अब तक उपचार कराने वाले ऐसे 200 मरीजों में से आठ की म्यूकोरमाइकोसिस, जिसे ब्लैक फंगस भी कहा जाता है, की वजह से मौत हो गयी है. ये लोग कोविड-19 से बच गए थे, लेकिन कवक संक्रमण ने उनकी कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता पर हमला किया जो जानलेवा साबित हुआ.

कैसे करें ब्लैक फंगस इंफेक्शन से बचाव

बता दें कि शुक्रवार को नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वी के पॉल ने कहा था कि म्यूकोरमाइकोसिस रोग म्यूकर नाम के फंगस की वजह से होता है. इसे ब्लैक फंगस भी कहा जाता है. उन्होंने कहा था जिन मरीजों को मधुमेह की शिकायत है, उनमें इसके इंफेक्शन का खतरा सबसे ज्यादा है. जिनको मधुमेह की बीमारी नहीं है, उनमें यह शायद ही देखने को मिले.

Also Read: सभी कोरोना रोगी म्यूकोरमाइकोसिस या ब्लैक फंगस के नहीं होते शिकार, इन 5 उपायों से इसे रोका जा सकता है

डॉ पॉल ने चिकित्सकों को पांच बातों पर विशेष ध्यान रखने की हिदायत भी दी थी. उन्होंने कहा था कि इस फंगस का फैलाव नम सतहों पर होता है. उन्होंने कहा था कि जब कोरोना के मरीज को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा जाता है तो वहां कमरे की नमी बनाये रखने के लिए ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे में इस फंगस के इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है.

इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि कोरोना संक्रमण के दौरान जब मरीजों को स्टेरॉयड दिया जाता है तब यह कुछ समय के लिए शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम कर देता है. स्टेरॉयड के इस्तेमाल से शरीर में शर्करा की मात्रा भी बढ़ने लगती है. ऐसे में चिकित्सकों को नियमित रूप से निगरानी कर मरीज के शर्करा के लेवल को मेंटेन रखना चाहिए. पांचवें दिन के बाद से ही स्टेरॉयड का इस्तेमाल करना चाहिए. ह्यूमिडिफायर में एकदम स्वच्छ पानी का इस्तेमाल करना चाहिए.

Posted By: Amlesh Nandan.

You May Like

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

अन्य खबरें