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चुनाव में मिली हार तो खत्म होगा कमलनाथ का राजनीतिक करियर! जानें क्यों लग रहे ऐसे कयास

मध्य प्रदेश चुनाव के नतीजे 3 दिसंबर को आएंगे. सबकी निगाहें चुनावी परिणाम पर होंगे. साथ ही यह भी देखना होगा कि आखिर इसबार कौन सी पार्टी बाजी मारती है. सत्तारूढ़ शिवराज सिंह चौहान की सरकार दुबारा सत्ता पर काबिज होगी या कमलनाथ बीजेपी का कमल मुरझा पाएंगे?

MP Election 2023: मध्य प्रदेश चुनाव के नतीजे 3 दिसंबर को आएंगे. सबकी निगाहें चुनावी परिणाम पर होंगे. साथ ही यह भी देखना होगा कि आखिर इसबार कौन सी पार्टी बाजी मारती है. सत्तारूढ़ शिवराज सिंह चौहान की सरकार दुबारा सत्ता पर काबिज होगी या कमलनाथ बीजेपी का कमल मुरझा पाएंगे? एग्जिट पोल में जो आंकड़े सामने आए है उससे हर दल की बेचैनी बढ़ गई है. लेकिन, ऐसा भी संभव है कि अगर इस बार के चुनाव परिणाम पक्ष में ना आए तो राज्य के बड़े राजनीतिक चेहरों का करियर खत्म हो जाएगा. इस सूची में सबसे पहला नाम है कांग्रेस नेता और एमपी के पूर्व सीएम कमलनाथ का. ऐसा माना जा रहा है कि अगर कांग्रेस सत्ता में दुबारा नहीं आती है तो यह कमलनाथ के राजनीतिक जीवन का अंत हो सकता है. आइए जानते है क्या है इसके पीछे का कारण और उनका राजनीतिक करियर…

कमलनाथ का राजनीतिक करियर

  • नौ बार लोकसभा सांसद

  • 1991-1995 केन्‍द्रीय राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) पर्यावरण एवं वन,

  • 1995-1996 केन्‍द्रीय राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) वस्‍त्र,

  • 2004 से 2009 तक केन्‍द्रीय मंत्री वाणिज्‍य एवं उद्योग,

  • 2009 से 18 जनवरी 2011 तक केन्‍द्रीय मंत्री सड़क परिवहन और राजमार्ग,

  • दिनांक 19 जनवरी 2011 से 26 मई, 2014 तक केन्‍द्रीय मंत्री शहरी विकास,

  • दिनांक 28 अक्‍टूबर,2012 से 26 मई, 2014 तक केन्‍द्रीय मंत्री संसदीय कार्य रहे.

  • 2001-2004 महासचिव, भारतीय राष्‍ट्रीय कांग्रेस.

  • दिनांक 4 से 6 जून 2014 तक सामयिक अध्‍यक्ष लोक सभा.

पहली बार कब बनें मुख्यमंत्री?

सांसद रहते हुए कांग्रेस नेता कमलनाथ ने जिम्मेदारियां निभाई. कई मंत्रालय भी उन्हें मिले लेकिन, उन्होंने काभी भी विधानसभा चुनाव में अपने कदम नहीं रखे थे. लेकिन, इस सूखे को खत्म करते हुए उन्होंने साल 2018 में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण किया. इसके बाद अप्रैल, 2019 के उप चुनाव में पहली बार विधान सभा सदस्य निर्वाचित एवं सदस्य के रूप में दिनांक 10 जून, 2019 को शपथ ग्रहण की.

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नहीं बचा पाए सरकार

अब अगर बात करें कि ऐसा क्यों कहा जा रहा है कि इस चुनाव में अगर कांग्रेस को हार मिलती है तो उनका राजनीतिक करियर खत्म हो सकता है. इसका पहला कारण बताया जा रहा है उनका उम्र. फिलहाल कमलनाथ की उम्र 77 साल है. ऐसे में अगर इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ता है तो अगली बार विधानसभा चुनाव तक उनकी उम्र 82 साल हो जाएगा. साथ ही पिछले विधानसभा चुनाव में वह अपनी सरकार बचा पाने में सफल नहीं रहे थे साथ ही कांग्रेस में फूट भी की घटना देखने को मिली थी. ऐसे में उनके लिए आगे का रास्ता आसान नहीं रहने वाला है. हालांकि, कमलनाथ को हमेशा से गांधी परिवार का करीबी माना जाता है.

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