रेलकर्मी आदित्य साहू के पुत्र भवानी साहू पर गोली चलाने का आरोप
चक्रधरपुर. आपसी विवाद में चक्रधरपुर की पुरानी बस्ती निवासी मनबोध सहर (33) की दोस्तों ने ही गोली मारकर हत्या कर दी. घटना बुधवार रात की है. मृतक और आरोपी युवक लंबे समय से दोस्त थे. घटना की सूचना पाकर गुरुवार सुबह चक्रधरपुर थाना प्रभारी राजीव रंजन दलबल के साथ घटनास्थल के पास पहुंचे और शव बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. पुरानी बस्ती में लगे सीसीटीवी की जांच करने के बाद पुलिस ने मनबोध के साथ घूम रहे दो युवकों को हिरासत में ले लिया. पुलिस ने हिरासत में लिए युवकों से पूछताछ की. पूछताछ में रेलकर्मी आदित्य साहू के बड़े पुत्र भवानी साहू उर्फ लक्की साहू पर गोली चलाने का आरोप लगा है.जानकारी के मुताबिक मनबोध सहर (33) स्कूटी से रात करीब 12 बजे पुरानी बस्ती पहुंचा. यहां कुछ युवक पहले से घात लगाकर बैठे थे. युवकों ने खंभे में लगीं लाइटें बंद कर दी थी. अंधेरे का फायदा उठाकर युवकों ने मनबोध सहर के सीने में गोली मार दी. गोली लगने पर मनबोध युवकों से बचने के लिए भागने लगा. भागने के क्रम में मनबोध गिर पड़ा और अधिक रक्तस्राव होने से उसकी मौत हो गयी.
आपसी विवाद में हुई हत्या : थाना प्रभारी
चक्रधरपुर थाना प्रभारी राजीव रंजन ने कहा कि आपसी विवाद में युवक की हत्या हुई है. सभी युवक शराब के नशे में धुत थे. नशे में भवानी साहू ने संजय नदी के बालिया घाट में बम फेंका. मनबोध ने बम फेंकने से मना किया. इसी पर बात आगे बढ़ गयी. यहां से कुछ युवक भवानी साहू के घर पहुंचे. यहां पर कुछ युवकों मनबोध को रास्ते से हटाने का प्लान बनाया. कुछ देर बाद मनबोध सहर भी वहां पहुंच गया. इसके बाद भवानी साहू ने मनबोध सहर पर पिस्टल से गोली चला दी. गोली लगने से मनबोध की घटनास्थल से 10 कम की दूरी पर ही मौत हो गई. पुलिस हत्यारोपी भवानी साहू की खोज में जुट गयी है. मनबोध की मौत के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. स्थानीय लोगों ने बताया कि युवक मनबोध काफी मिलनसार लड़का था.
चाचा के उकसाने पर भतीजे ने चलायी गोली
चक्रधरपुर की पुरानी बस्ती निवासी मनबोध सहर (33) की हत्या मामले में पुलिस जांच में जुट गयी है. जानकारी के अनुसार मनबोध सहर का दोस्तों के साथ विवाद संजय नदी के बलिया घाट से शुरू हुआ. यहां सभी युवक नशा कर रहे थे. इतने में एक युवक ने फोन कर भवानी साहू को बुलाया. भवानी साहू बलिया घाट पहुंचा. भवानी साहू अपने साथ बम लेकर आया था. इस दौरान भवानी साहू ने कुछ युवकों को बम दिया. युवकों ने संजय नदी के पानी में बम को फेंका. पानी में गिरते ही बम ब्लास्ट हुआ. पानी में आग लग गयी. मनबोध ने इसका विरोध किया. भवानी साहू को कुछ भला बुरा कहा. इसके बाद सभी युवक घर लौट गये. सभी युवक भवानी साहू के घर के पास पहुंचे. जहां पर सभी युवक भवानी साहू से बातचीत कर रहे थे. तभी भवानी के चाचा सानू साहू ने अपने भतीजे को उकसाया. इतने में भवानी साहू ने मनबोध के सीने में गोली दाग दी. इससे मनबोध की घटनास्थल पर मौत हो गई.चाचा, पिता व पुत्र ने हत्यारोपी को छिपाया
घटना के बाद भवानी साहू ने अपने पिता आदित्य साहू और छोटे भाई विक्की साहू को घटना के बारे में जानकारी दी. सूचना पाकर पिता और भाई पुरानी बस्ती के गलीसाई पहुंचे. इसके बाद सड़क के बीच गिरे शव को देखा. पता चला कि मनबोध की मौत हो चुकी है. इसके बाद पिता आदित्य साहू और छोटे भाई विक्की साहू ने बड़े भाई भवानी साहू को साथ में लेकर चले गये. सभी ने हत्यारोपी भवानी साहू को छिपा दिया.
स्वच्छ छवि का था मनबोध
मृतक मनबोध साहू बेहद गरीब परिवार से तालुक रखता है. उसके माता-पिता और भाई मजदूरी करते हैं. वह एक प्राइवेट कंपनी में काम कर अपना परिवार चलाता था. वह घर में कमाने वाला अकेला था. उसका स्वभाव सबके प्रति अच्छा था.घर से बुलाकर भाई को गोली मार दी : मनोज सहर
मृतक के बड़े भाई मनोज सहर ने कहा कि मेरा छोटा भाई का किसी के साथ कोई दुश्मनी नहीं थी. वह सुबह में उठकर चुनचुन टाल में अकाउंटेंट का काम करने जाता था. दोस्तों ने उसे घर से बुलाकर गोली मारी है. हत्या की उच्चस्तरीय जांच की जाये. दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाये. पहले से ही भवानी साहू का रिकॉर्ड खराब है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है