Jharkhand news, Chakradharpur news : चक्रधरपुर (शीन अनवर) : कोरोना संकटकाल से निपटने के लिए रेलवे (Railway) ने सभी खर्चों पर कटौती कर दी है. महंगाई भत्ते के साथ कर्मचारियों को मिलने वाले अन्य भत्तों में भी रोक लगा दी गयी है. भारी संख्या में पदों को भी समाप्त कर दिया गया है और नयी भर्ती में रोक लगा दी गयी है. इसकी वजह से चक्रधरपुर रेल मंडल (Chakradharpur Railway Division) के रेल कर्मचारियों (Railway staff) में दुर्गा पूजा (Durga puja) के अवसर पर मिलने वाले बोनस (Bonus) को लेकर संशय की स्थिति बनी है.
अब तक रेलवे बोर्ड (Railway board) द्वारा रेल कर्मचारियों को उत्पादन के आधार पर मिलने वाली (पीएलबी) बोनस की घोषणा नहीं की गयी है. जिससे रेल कर्मचारियों को बोनस मिलेगा या नहीं यह अब भी असमंजस की स्थिति है. ऐसे में अब दुर्गा पूजा पूर्व मिलने वाले बोनस को लेकर कर्मचारियों में संशय है. इस वर्ष रेल कर्मियों को बोनस कितना दिया जायेगा या फिर कुछ और रास्ता निकाला जायेगा, इसे लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है. लेकिन रेल कर्मियों में बोनस को फ्रीज किये जाने या फिर नहीं दिये जाने को लेकर चर्चाएं हो रही है.
Also Read: एनटीपीसी या अन्य कंपनियों को झारखंड की जनता के हित में काम करना होगा : हेमंत सोरेन
मालूम रहे कि विगत वर्ष रेल मंत्रालय (Ministry of Railways) के अनुमोदन को स्वीकृति मिलने के बाद करीब 22 हजार कर्मचारियों को बोनस देकर बड़ी राहत दी गयी थी. जिसमें ग्रुप सी एवं डी श्रेणी के रेल कर्मचारियों को 7000 की सीलिंग लिमिट के अनुसार 78 दिनों का 17,951 रुपये उत्पादन के आधार पर बोनस दिया गया था. लेकिन, इस वर्ष चर्चाएं अलग-अलग तरह की हो रही हैं. रेल मंत्रालय अथवा रेलवे बोर्ड अब तक इस संदर्भ में किसी तरह की कोई घोषणा नहीं की है.
दक्षिण पूर्व रेलवे मेंस कांग्रेस के चक्रधरपुर रेल मंडल संयोजक शशि मिश्रा ने कहा कि बोनस को लेकर एनएफआईआर (NFIR) ने रेलवे बोर्ड के चेयरमेन को विगत वर्ष की तरह 78 दिनों का बोनस देने की मांग किया है. यह पत्र चेयरमैन ने रेलमंत्री को भेज दी है. जल्द ही रेल कर्मियों का पीएलबी बोनस को (PLB Bonus) लेकर निर्णय होगा. भारतीय रेल में यात्री ट्रेनों का परिचालन बंद है. लेकिन, स्पेशल ट्रेनें चल रही हैं. रेलवे में मालगाड़ी एवं पार्सलयान धड़ल्ले से चल रही है. आय अर्जन में रेलवे को कोई कमी नहीं है. रेलवे घाटे में चलने का केवल बहाना बना रहा है. हकीकत तो यही है कि माल ढुलाई से रेलवे को लाभ ही हो रहा है. रेल कर्मियों में भय है कि कहीं महंगाई भत्ता एवं अन्य भत्तों की तरह बोनस पर रोक न लग जाये. लेकिन, यूनियन किसी भी कीमत पर कर्मचारियों के हक काे मारने नहीं देगा.
Posted By : Samir Ranjan.