चाईबासा : दिव्यांग नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या के आरोपी रामेश्वर कुंकल उर्फ बोरा की जमानता याचिका सोमवार को प्रथम अपर जिला व सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार सिंह की अदालत ने खारिज कर दी. नाबालिग के साथ योगेश देवगम, प्रिंस देवगम, विरेंद्र कुंकल व रामेश्वर कुंकल ( सभी डोंकासाई निवासी) ने 6 अगस्त 2015 की रात में सामूहिक दुष्कर्म कर गुनाबासा गांव के टुंगरी में ले जाकर पत्थर से सिर कूच कर हत्या कर दी. फिर उसे जला दिया था.
पुलिस ने नाबालिग का अधजला शव, स्कूली पोशाक व बैग घटनास्थल से बरामद किया था. मृतका टाटा कॉलेज कॉलोनी स्कूल की कक्षा छह की छात्रा थी. मृतका स्कूल जाने के लिए घर से निकली थी. रास्ते में विरेंद्र कुंकल ने लडड़ी को बहला-फुसलकार बाइक में बैठाकर दिन में इधर-उधर घुमाया. रात में गुनाबासा के टुंगरी में ले जाकर उक्त सभी आरोपियों ने मिलकर सामूहिक दुष्कर्म हत्या कर दी गयी. 12 अगस्त 15 को अपर निरीक्षक नरेंद्र कुमार के बयान पर थाने में मामला दर्ज किया गया था. पुलिस अनुसंधान में उक्त तीनों आरोपियों का नाम सामने आया था. इसके बाद पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.