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बिना ग्रामसभा किये सोना खनन का विरोध

आनंदपुर. पहाड़डीहा, रुंघिकोचा व तेंताली के ग्रामीणों की बैठक बैठक में शामिल तीन गांवों के मुंडा उपस्थित लोग. राधेश मनोहरपुर/आनंदपुर : आनंदपुर प्रखंड के पहाड़डीहा, रुंघिकोचा और तेंताली के ग्रामीणों ने रविवार को प्राथमिक विद्यालय रुंघिकोचा में एक बैठक कर पहाड़डीहा में स्वर्ण खदान का विरोध किया. बैठक की अध्यक्षता पहाड़डीहा सोना खदान समिति के […]

आनंदपुर. पहाड़डीहा, रुंघिकोचा व तेंताली के ग्रामीणों की बैठक

बैठक में शामिल तीन गांवों के मुंडा उपस्थित लोग.
राधेश
मनोहरपुर/आनंदपुर : आनंदपुर प्रखंड के पहाड़डीहा, रुंघिकोचा और तेंताली के ग्रामीणों ने रविवार को प्राथमिक विद्यालय रुंघिकोचा में एक बैठक कर पहाड़डीहा में स्वर्ण खदान का विरोध किया. बैठक की अध्यक्षता पहाड़डीहा सोना खदान समिति के अध्यक्ष सह पहाड़डीहा मुंडा आमुस मुर्मू ने की. बैठक में सोना खदान समिति के सचिव, कोषाध्यक्ष एवं ग्राममुंडा ने ग्रामीणों को सोना खदान की जानकारी देते हुए बताया कि सरकार ने अनुसूचित जनजाति क्षेत्र में बिना ग्रामसभा किये टेंडर दे दिया है.
इसकी जानकारी उन्हें 27 अक्टूबर को प्रभात खबर प्रकाशित समाचार से मिली. उन्होंने बताया कि सोना खदान के लिए चिह्नित की गयी जमीन में रैयती रैयती प्लाट के साथ कई टोले भी बसे हैं. उन्होंने कहा कि टेंडर ले चुकी कंपनी मैथन इस्पात अगर खनन करती है और ग्रामीणों को वहां से हटाती है,
तो ग्रामीण कहां जायेंगे. इस विषय पर तीनों गांव के ग्रामीणों से विचार माँगा गया. ग्रामीणों ने कहा कि सोना खदान से उन्हें अपने जमीन की क्षति होने का अनुमान नहीं था. बैठक में ग्रामीणों ने इस मामले में उपायुक्त, मुख्यमंत्री,राज्यपाल एवं खनन विभाग को ज्ञापन सोंपने का निर्णय लिया. बैठक में रुंघिकोचा मुंडा महावीर सिंह, तेंताली मुंडा मसीह प्रकाश भेंगरा, समिति के सचिव मानसिद मिंज, कोषाध्यक्ष मार्टिन मुर्मू, देवेंद्र सिंह, वर्णवास भेंगरा, ऒरनास ओडेया, तिलकधारी सिंह, मेरी धनवार, चरकी टोप्पो, सुभद्रा मिंज, हालन भेंगरा आदि ग्रामीण मौजूद थे.
सर्वे के समय नहीं हुआ था विरोध. ग्रामीणों से बात करने पर पता चला की सोना खान हेतु जब सर्वे किया जा रहा था उस वक्त रैयती जमीन पर खुदाई हो रही थी लेकिन किसी तरह का विरोध नहीं किया गया.ग्रामीणों की जमीन बर्बाद हो जायेगी और पलायन भी करना पड़ सकता है इसका उन्हें अंदेशा नहीं था. गैर आदिवासी संस्था नहीं करेगी खनन. बैठक में उपस्थित समाजसेवी सुशीला टोप्पो ने कहा कि पश्चिम सिंहभूम अनुसूचित जनजाति क्षेत्र है और यहां पी पेसा कानून लागू है.सूचना के अधिकार के तहत उपायुक्त से इसकी जानकारी मांगी थी. डीसी ने पी पेसा कानून लागू रहने की बात कही थी. इस कानून के तहत गैर आदिवासी संस्था यहां खनन नहीं कर सकती है.
क़ानूनी रूप से विरोध करने का प्रावधान है तो हम विरोध करेंगे.
महावीर सिंह, मुंडा, रुंघिकोचा
आदिवासी क्षेत्र में बिना ग्राम सभा कर खनन का टेंडर देने का करेंगे विरोध
आमुस मुर्मू, मुंडा, पहाड़डीहा
आदिवासी की पहचान जमीन से होती है सरकार आदिवासियों की जमीन पर खनन कर बर्बाद करे ये मंजूर नहीं. जब तक कोई ठोस नीति नहीं बनती है, स्वर्ण खनन का विरोध किया जायेगा.
मसीह प्रकाश भेंगरा,मुंडा,तेंताली
आदिवासी अपनी जमीन के बल पर अगली पीढ़ी का भविष्य सुरक्षित करता है. अगर जमीन के बदले पैसे मिले तो उनकी अगली पीढ़ी का भविष्य अंधकारमय हो जायेगा.
ओरनास ओडेया, पूर्व शिक्षक, गोंदपुर
28.1 प्रतिशत अधिक बोली लगाकर मैथन इस्पात को मिला है खनन का ठेका
एमएसटीसी द्वारा पहाड़डीहा खदान की निलामी करायी गयी थी. इस खदान को लेने के लिये पांच कंपनियों ने बोली लगायी थी. रुंगटा माइंस, अडानी ग्रुप व रामगढ मिनरल्स, मां अम्बे कंपनी व मैथन इस्पात ने खदान लेने में रुचि ली थी. मैथन इस्पात 28.1 %अधिक बोली लगाकर खदान का ठेका हासिल किया है. पहाड़डीहा खदान से राज्य सरकार को 450 करोड़ रुपये मिलने के आसार हैं.
1.162 मिलियन सोने का भंडार है पहाड़डीहा में
पहाडडीहा गोल्ड ब्लाॅक में 1.162 मिलियन सोने का भंडार है. इसके अलावा पहाड़डीहा में 1.162 टन चांदी, 232.4 टन कापर, 581 टन लीड, 1859 टन जिंक, 2905 टन निकेल व क्वार्टज तथा 1.162 मिलियन टन लघु खनिज के भंडार हैं. ठेका कंपनी यहां से सोना के साथ-साथ अन्य खनिजों को भी निकालेगी.

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