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212 दिन में नहीं हो सकी 72 योजनाओं की जांच

चाईबासा : वर्ष 2007-8 में कई पंचायत भवन, स्कूल, रोड, स्कूल, स्टेडियम के नाम पर राशि की निकासी के बावजद योजनाओं का काम पूरा नहीं किया गया. इन योजनाओं में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गयी. कहीं नींव खोदकर ही काम बंद कर दिया गया तो कहीं बिना काम शुरू किये पैसे की निकासी कर […]

चाईबासा : वर्ष 2007-8 में कई पंचायत भवन, स्कूल, रोड, स्कूल, स्टेडियम के नाम पर राशि की निकासी के बावजद योजनाओं का काम पूरा नहीं किया गया. इन योजनाओं में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गयी. कहीं नींव खोदकर ही काम बंद कर दिया गया तो कहीं बिना काम शुरू किये पैसे की निकासी कर ली गयी. इस गोलमाल में शशि प्रसाद समेत लगभग सात अभियंताओं का नाम सामने आया. शशि प्रकाश को जेल भेजा गया, पर गड़बड़ी पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी.

लगभग नौ साल बाद डीसी अबुबक्कर सिद्दीख पी ने अधूरी योजनाओं की बंद फाइल खोली. तब सच सामने लाने के लिए बीते साल चार जुलाई को हर प्रखंड के लिए चार सदस्यीय टीम का गठन किया गया. एक प्रखंड में चार अफसर को मिलाकर जिला की 18 प्रखंड के लिए कुल 72 अफसरों को 72 योजनाओं की जांच का जिम्मा दिया गया. चार जुलाई को आदेश जारी होने के बाद कुल 212 दिन बीत बीतने के बाद भी यह जांच पूरी नहीं हो सकी है. प्रभात खबर ने बीते साल के पांच जुलाई को लुटता रहा पैसा, देखते रहे अफसर शीर्षक से इस मामले को प्रमुखता से उठाया था. इसके 24 घंटे के बाद जांच टीम का गठन किया गया था.

15 से 20 जुलाई तक अभियंताओं को रखना था पक्ष
लूट-खसोट की भेंट चढ़ी करोड़ों रुपये की विभिन्न योजनाओं की जिम्मेवारी अभियंता शशि प्रकाश समेत 8 अभियंताओं पर थी. इन 8 अभियंताओं को बीते साल के 15 से 20 जुलाई तक स्पॉट पर आकर अपना पक्ष रखने का आदेश विज्ञापन के माध्यम से जारी किया गया था.

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