चाईबासा : अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम राजनन्दन राय की अदालत ने सोमवार को दुष्कर्म के मामले में आरोपी त्रिलोक मुंदुईया को आजीवन कारावास की सजा सुनायी है. त्रिलोक को दस हजार रुपये का जुर्माना भी किया गया है. जुर्माना नहीं देने पर अतिरिक्त 6 माह की सजा का प्रावधान किया गया है. पीड़िता के पिता ने 13 फरवरी 2009 को मुफ्फसिल थाना में बेटी के साथ दुष्कर्म की शिकायत दर्ज करायी थी.
शिकायत में बताया था कि 11 फरवरी की रात गितिलिपी गांव स्थित उसके घर पर क्रिकेट मैच देखने के लिए गांव के युवक जुटे थे. रात को साढ़े 8 बजे वह घर पहुंचा तो अपनी 6 साल की बेटी को गायब पाया. पत्नी ने बताया कि गांव के त्रिलोक मुंदुईया ने उसे सिगरेट लाने के लिए दुकान भेजा है. लेकिन देर होने पर दोनों पति-पत्नी बेटी की खोज में निकले. उन्होंने बेटी को रोते हुए पाया.