चक्रधरपुर : रेलवे तत्काल टिकट में अब भी खेल चल रहा है. अंतर केवल इतना हो गया है कि यह गोरखधंधा अब महानगर की जगह छोटे जगहों पर स्थानांतरित हो गया है. चक्रधरपुर रेल मंडल के बड़बिल रेलवे स्टेशन में भी इन दिनों ऐसा ही कुछ चल रहा है.
इसके अतिरिक्त आसपास के कुछ अन्य स्टेशनों के बुकिंग काउंटर से यह धंधा किया जा रहा है. ओड़िशा के छोटे स्टेशन से देश के दिल्ली व मुंबई जैसे बड़े शहरों में रह रहे लोगों के लिए तत्काल टिकट की थोक भाव में बुकिंग की जाती है.
इसके बाद इसे प्लेन से भेज दिया जाता है. इसका खुलासा हाल के दिनों में रेलवे बोर्ड की विजिलेंस टीम की छापेमारी के दौरान हुआ है. हालांकि बोर्ड की टीम की जांच अभी पूरी नहीं हुई है. आरंभिक जांच से मिली जानकारी के अनुसार बड़बिल समेत अन्य छोटे स्टेशनों से तत्काल टिकट बुक किया जाता है.
इसके गोरखधंधे में लिप्त कारोबारी के एजेंट इसे जनशताब्दी से हावड़ा भेज देते हैं. इसके बाद वहां से प्लेन से उसे निर्दिष्ट स्थान पर भेज दिया जाता है. बुक की जानेवाली अधिकतर टिकट दिल्ली व मुंबई से खुलने वाली लंबी दूरी की ट्रेनों की होती हैहै. बुकिंग काउंटर से तत्काल टिकट बुक कराने की कोई सीमा नहीं होती है, जिस कारण एक दिन में दो सौ से अधिक तत्काल टिकट बुक कर दिया जा रहा था.
बड़बिल में जारी अनियमितता को इस तथ्य से भी बल मिलता है कि बुधवार को हुई छापेमारी में बोर्ड की विजिलेंस की टीम ने यहां के एक बुकिंग क्लर्क को अपने साथ चक्रधरपुर लाया था और वहां मैराथन पूछताछ की थी.
माना जा रहा है कि इस दौरान मिली जानकारी से ही बड़बिल में अनियमितता की पुष्टि हुई है. टीम को सोनुवा, टाटानगर, बड़ाजामदा आदि जगहों पर भी गड़बड़ी मिली थी. जिसकी सदस्यों ने जांच की थी.
इस मामले में किस स्टेशन से कितनी टिकट कहां भेजी गयी. इस पर विजिलेंस के उच्चधिकारी अभी कुछ नहीं बता पा रहे हैं. इतने बड़े पैमाने पर तत्काल टिकटों की हेराफेरी होने के बाद भी मंडल के रेलवे अधिकारियों काअनभिज्ञ होना थोड़ा संदेह पैदा करता है.