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स्थायी बहाली पर फैसला न हुआ, तो आंदोलन: रामा
चिरिया : सेल के आरएमडी इकाई चिरिया पर आये दिन मांगों का भार बढ़ता ही जा रहा है. बेरोजगार युवक, ग्रामीणों व रैयतों का मामला अभी तक सुलझा नहीं है. वहीं सप्लाइ मजदूरों ने भी सेल प्रबंधन को लगभग आठ वर्षो से लंबित मांगों को लेकर प्रबंधन को घेरना शुरू कर दिया है. वर्ष 2007 […]
चिरिया : सेल के आरएमडी इकाई चिरिया पर आये दिन मांगों का भार बढ़ता ही जा रहा है. बेरोजगार युवक, ग्रामीणों व रैयतों का मामला अभी तक सुलझा नहीं है. वहीं सप्लाइ मजदूरों ने भी सेल प्रबंधन को लगभग आठ वर्षो से लंबित मांगों को लेकर प्रबंधन को घेरना शुरू कर दिया है.
वर्ष 2007 से सेल के साथ हो रहे पत्रचार का हवाला देते हुए झारखंड मजदूर संघर्ष संघ द्वारा विगत 15 मई को मांग पत्र देकर अपनी मांगों के प्रति सकारात्मक हल निकालने को कहा था. इसके लिए सेल को 15 दिनों का वक्त दिया गया था.
निर्धारित वक्त की अवधि बीतने पर संघ द्वारा पुन: चार जून को स्मार-पत्र सौंप कर सेल प्रबंधन को सात दिनों का अल्टीमेटम दिया गया है. झारखंड मजदूर संघर्ष संघ के अध्यक्ष रामा पांडे ने बताया कि विगत 11 अगस्त 2007 से सेल चिरिया के अधीन सप्लाइ मजदूरों को स्थायी बहाली की मांग की जा रही है. वर्ष 2011, 2013, 2014 एवं 2015 में सेल का ध्यान पुन: आकृष्ट कराया गया. सेल द्वारा सकारात्मक निर्णय नहीं लिया जा रहा है.
इससे मजदूरों में निराशा और आक्रोश व्याप्त है. प्रबंधन को सात दिनों का अल्टीमेटम दिया गया है, सकारात्मक जवाब नहीं मिलने की स्थिति में सेल के खिलाफ बृहद आंदोलन की घोषणा की जा सकती है.
यह है सप्लाइ मजदूरों की मांगे. मनोहरपुर ओर माइंस चिरिया आरएमडी (सेल) में सप्लाइ मजदूर विभिन्न विभागों में विगत दो दशक से ज्यादा समय से लगातार स्थायी प्रवृत्ति के कार्य करते आ रहे हैं, जिनकी अब तक स्थायी बहाली नहीं ली गयी है.
गुआ अयस्क खान में दो-दो बार स्थायी बहाली की गयी है. इसी तर्ज पर चिरिया के सप्लाइ मजदूरों को स्थायी बहाली किया जाये.
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