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शहर में बंद असरदार, 40 गिरफ्तार
चाईबासा : पूर्व निर्धारित बंद को लेकर आदिवासी संगठनों के कार्यकर्ता सुबह 6 बजे ही चाईबासा में जमा होने लगे. एकजुट कार्याकर्ताओं ने सबसे पहले तांबो चौक व सरायकेला मोड़ पर टायर जलाकर सड़कों को जाम करदिया. इसके बाद बंद समर्थक जुलूस की शक्ल में बंद कराने शहर में निकले. इन लोगों ने खुली दुकानें […]
चाईबासा : पूर्व निर्धारित बंद को लेकर आदिवासी संगठनों के कार्यकर्ता सुबह 6 बजे ही चाईबासा में जमा होने लगे. एकजुट कार्याकर्ताओं ने सबसे पहले तांबो चौक व सरायकेला मोड़ पर टायर जलाकर सड़कों को जाम करदिया. इसके बाद बंद समर्थक जुलूस की शक्ल में बंद कराने शहर में निकले. इन लोगों ने खुली दुकानें को बंद करा दिया तो वाहनों को परिचालन भी बाधित किया. शहर के प्रमुख मार्गो पर प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. दोनों चौक पर लगभग दो घंटे तक सड़क जाम रहा.
नहीं चली बसें
बंदी के कारण चाईबासा किरीबुरू मार्ग व चाईबासा जमशेदपुर मार्ग पर वाहन नहीं चले. हालांकि चाईबासा-रांची मार्ग पर सुबह के समय वाहनों को आना जाना हुआ. बंद का सबसे ज्यादा असर यातायात पर दिखाई पड़ा. जाम के कारण सड़कें बंद थी और लोगों को परेशानी हुई. चाईबासा बस स्टैंड से कई रूटों की न तो एक भी बस खुली और न आयी. वाहनों के नहीं चलने से सभी प्रखंड मुख्यालय जिला मुख्यालय से कटा रहा.
चौराहों पर तैनात थी पुलिस
बंद को लेकर जिला प्रशासन की ओर से सुरक्षा के कड़े प्रबंधन किये गये थे. सदर थाना प्रभारी अनिल सिंह गश्त करते रहे. दोपहर बाद बंद समर्थक सड़क पर से हट गये थे और इसके बाद यातायात सामान्य हो गया.
प्रखंडों में भी असर
प्रखंडों में भी आदिवासी कार्यकर्ताओं ने सड़क जाम किया. शहर से लेकर देहात तक अधिकतर संस्थान खुद ही बंद रहे. बंद के कारण औद्योगिक, बैंकिंग और परिवहन सेवा प्रभावित हुई. बंद के कारण कार्यालयों में उपस्थिति कम रही. व्यापारियों की माने से बंदी से सबसे अधिक नुकसान थोक व्यापारियों पर पड़ा है. बंदी के कारण मंगलाहाट व मधुबाजार सब्डी मंडी में विक्रेता व क्रेता दोनों की संख्या सामान्य से कम रही. इसके अलावा दोनों सब्जी मंडियों में सब्जियों की आवक कम रही. यहीं कारण था कि रविवार की तुलना में सब्जियों के भाव कुछ अधिक थे. लोहांचल में बंद का रहा मिलाजुला असर दिखा. सोमवार को बंद के कारण कई जगह लौहअयस्क का उत्खनन कार्य ठप रहा. लोह अयस्क लदे ट्रक बंदी के कारण दिनभर जहां तहां
खड़े रहे.
झींकपानी में दिखा असर
गैर आदिवासी को राज्य का मुख्यमंत्री बनाये जाने को लेकर अखिल भारतीय क्रांतिकारी आदिवासी महासभा ने एनएच-75 को जाम किया. जोड़ापोखर मुख्य चौक पर सड़क जाम करने के कारण इस मार्ग से आवाजाही पूरी तरह प्रभावित रही. जोड़ापोखर व एसीसी कॉलोनी स्थित दुकानें बंद करा दी गयी. सड़क लगभग 6 घंटे जाम रहा. बंद के कारण वाहनों के नहीं चलने से आम नागरिकों को काफी परेशानी उठानी पड़ी. आदिवासी संगठनों द्वारा गैर आदिवासी को मुख्यमंत्री बनाये जाने को लेकर चाईबासा बंद करने का आह्वान किया गया था. सोमवार सुबह 6 बजे से ही जोड़ापोखर चौक में अखिल भारतीय क्रांतिकारी आदिवासी महासभा की ओर से टायर जलाकर सड़क जाम कर दिया गया. सड़क जाम लगभग 11.30 बजे प्रशासन ने आकर खुलवाया था. सड़क जाम होने से एनएच-75 पर वाहनों की लंबी कतार लग गयी. महासभा के अध्यक्ष जॉन मिरन मुंडा के नेतृत्व में जोड़ापोखर, एसीसी कॉलोनी व पेट्रोल पंप भी बंद करा दिया गया था.
जगन्नाथपुर में असरदार
जगन्नाथपुर में भी बंद असरदार रहा. यहां भी दुकान बाजार बंद रही. इसके साथ बसों व छोटे वाहनों के नहीं चलने से यातायात भी प्रभावित रहा. यहां आदिवासी हो महासभा की ओर से बंद बुलाया गया था.
मझगांव में बेअसर
गैर आदिवासी को मुख्यमंत्री बनाये जाने के विरोध में सोमवार को आहूत बंद मझगांव में पूरी तरह से बेअसर दिखा. मझगांव में आम दिनों की तरह दुकान बाजार खुले रहे. गाड़ियों का परिचालन भी सामान्य दिनों की तरह रहा. प्रखंड कार्यालय, बैंक, गैरसरकारी संस्थान भी खुले रहे. यहां झामुमो की ओर से बंद का आह्वान किया गया था लेकिन इसका कोई असर नहीं देखा गया.
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