काल वैशाखी ने मचाई भारी तबाही
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क्योंझर में भारी ओला वृष्टि, पूरे क्षेत्र में बर्फ ही बर्फ
काल वैशाखी ने मचाई भारी तबाही आंधी-पानी के बीच ओले भी बरसे दर्जनों घर, मकान व पेड़ हुए धराशाई जैंतगढ़ : क्योंझर शहर के आस पास के क्षेत्रों में काल वैशाखी के कहर के कारण भारी आंधी-पानी से भारी नुकसान हुआ है. साथ ही जबरदस्त ओला वृष्टि से समूचा क्षेत्र सफेद चादर से ढंका दिखने […]
आंधी-पानी के बीच ओले भी बरसे
दर्जनों घर, मकान व पेड़ हुए धराशाई
जैंतगढ़ : क्योंझर शहर के आस पास के क्षेत्रों में काल वैशाखी के कहर के कारण भारी आंधी-पानी से भारी नुकसान हुआ है. साथ ही जबरदस्त ओला वृष्टि से समूचा क्षेत्र सफेद चादर से ढंका दिखने लगा. दोपहर 2 बजे अचानक ही गड़गड़ाहट के साथ 50 से 60 किमी की रफ्तार से तेज हवाएं चलने लगीं. इसी दौरान भीषण ओला वृष्टि आरंभ हो गयी. इसके प्रभाव से क्योंझर, पुराना शहर सरास, सिरिसपाल, रांकी, बादामपट्टी, ठाकुरपाटना आदि क्षेत्रों वर्फ की चादरों से ढंक गया था. इसके प्रभाव से क्षेत्र में काफी संख्या के पेड़ गिर गये. वहीं 50 से अधिक मकानों के छप्पर उड़ गये. बादामपट्टी अंचल में रामचंद्र महाकुड़, अनिरुद्ध गिरि, सुकान्ति गिरि, कृष्णचन्द्र गिरि, रवीकान्त गिरि के मकान पूरी तरह ध्वस्त हो गये हैं. सरास अंचल में भी कई घरों के छप्पर उड़ गये तथा बड़े-बड़े पेड़ धाराशायी हो गये.
आंधी तूफान से घर टूटने के कारण दो व्यक्ति भी घायल हो गये, जिन्हें इलाज के लिये क्योंझर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बुजुर्गों का कहना है की ऐसी ओला वृष्टि विगत 30-40 वर्षों में नहीं देखी गयी है. पुराना शहर तो काश्मीर की वादियों की तरह नजर आ रहा था. ओला वृष्टि के कारण गरम फसल सब्जी की खेती आम का फसल तथा पेड़-पौधों को भरी नुकसान पहुंचा है. ओला वृष्टि इस कदर हुई की शाम तक भी खेतो में लगभग एक फुट तक बर्फ जमा हो गया था.
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