30.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

वर्षों से आदिवासी संस्कृति की रक्षा और रोजगार दे रही गुवा की मिट्टी

10 रुपये डिब्बी (250 ग्राम) की दर से मिट्टी बेचते हैं ग्रामीण चाईबासा : गुवा की खदानों से निकलने वाली रंग-बिरंगी मिट्टी (लाल, भूरा, पीला, काला व सफेद) वर्षों से आदिवासी संस्कृति को बचाने के साथ स्थानीय को रोजगार दे रही है. यहां की मिट्टी राज्य के आदिवासी बहुल क्षेत्रों में मिट्टी के घरों को […]

10 रुपये डिब्बी (250 ग्राम) की दर से मिट्टी बेचते हैं ग्रामीण

चाईबासा : गुवा की खदानों से निकलने वाली रंग-बिरंगी मिट्टी (लाल, भूरा, पीला, काला व सफेद) वर्षों से आदिवासी संस्कृति को बचाने के साथ स्थानीय को रोजगार दे रही है. यहां की मिट्टी राज्य के आदिवासी बहुल क्षेत्रों में मिट्टी के घरों को सुंदर बनाने में काम आती है. वहीं क्षेत्र के लोगों को रोजगार भी उपलब्ध कराती है. यहां की खदानों से निकलने वाली प्राकृतिक मिट्टी आदिवासियों के घरों को सांस्कृतिक व पारंपरिक रूप से पहचान देती है. संताल आदिवासी अपने घरों के निर्माण के वक्त दीवारों व दरवाजों पर तरह-तरह की आकृति बनाते हैं. घरों की दीवारों पर चिकनी मिट्टी का लेप और आकर्षक कलाकृतियां आदिवासी संस्कृति की परंपरा को बढ़ाती है. इन चित्रकारियों में स्त्री-पुरुष संबंधों के विविध पक्षों के चित्रण के साथ जीव-जंतु, पशुओं, पक्षियों और पेड़-पौधों को उकेरा जाता है.
खदान से निकली मिट्टी का चूर्ण बनाकर बेचते हैं
गुवा स्थित खदानों से प्राकृतिक रंगों की मिट्टी (लाल, भूरा, पीला, काला व सादा) सालों से निकलती है. इसे खदानों से स्थानीय ग्रामीण कुदाल से निकालते हैं. इसके बाद बांस से पीटकर मिट्टी का चूर्ण बनाते हैं. वहीं चलनी से छानकर बाजार में बेचते हैं. गुवा स्थित बाहिल खदान के गुफा से सादे रंग की मिट्टी, ओटी गुफा से लाल रंग की मिट्टी, चार नंबर गुफा से भूरे रंग की मिट्टी, जिलिंगबुरू गुफा से काले रंग की मिट्टी और बिंरीच गुफा से सादे रंग की मिट्टी निकलती है.
यहां की मिट्टी से अपने मिट्टी के घरों को सुंदर बनाते हैं आदिवासी
मिट्टी बेच महीने में 5-6 हजार कमा लेते हैं ग्रामीण
गुवा के स्थानीय ग्रामीण प्राकृतिक रंगों की मिट्टी बेच कर जीवन-यापन कर रहे हैं. मिट्टी बेचकर ग्रामीणों को 5 से 6 हजार रुपये की आमदनी प्रति माह हो जाती है. इस रोजगार को आने वाली पीढ़ी हाथों-हाथ स्वीकार कर रही है. गुवा के ग्रामीण मिट्टी लेकर सोमवार की शाम ट्रेन से चाईबासा ले आते हैं. मंगलवार को चाईबासा मंगलाहाट में प्रति बोरा 200 रुपये की दर से स्थानीय को बेचकर शाम को चले जाते हैं. इसके बाद स्थानीय ग्रामीण मिट्टी 10 रुपये डिब्बी (250 ग्राम) की दर से बेचते हैं.
पर्व-त्यौहार के दौरान बढ़ जाती है मांग
मिट्टी के थोक विक्रेताओं के अनुसार पर्व-त्योहारों के वक्त आदिवासी क्षेत्र के लोग अपने घरों के रंग-रोगन के साथ दीवारों पर कलाकृत्तियों का निर्माण करते हैं. इस कारण पर्व के दौरान खदानों से निकलने वाली प्राकृतिक रंगों की मिट्टी की मांग बढ़ जाती है. थोक विक्रेताओं ने बताया कि खदानों से निकलने वाली मिट्टी की खपत आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों के साथ जमशेदपुर, रांची, सीनी, सोनुआ, राजखरसावां, जगन्नाथपुर, जैंतगढ़ आदि क्षेत्रों में होती है. वे थोक में 200 रुपये प्रति बोरी के हिसाब से बेचते हैं.
जब मैं शादी के बाद ससुराल आयी. उस वक्त मेरे सास-ससुर खदान से प्राकृतिक रंगों की मिट्टी निकाल बेचते थे. मैं भी इस व्यवसाय से जुड़ गयी. इससे हमें प्रति माह 5 से 6 हजार की आमदनी हो जाती है. परिवार का भरण-पोषण हो जाता है.
– मंदाकनी, थोक विक्रेता, गुवा.
प्राकृतिक रंग की मिट्टी खदान से निकालकर गुवा से बेचने आती हूं. मैं 25 सालों से ये काम कर रहीं हूं. अब हमारे साथ गांव के लड़के-लड़कियां भी काम करते है. एक प्रकार से ग्रामीणों के रोजगार का साधन भी बन चुका है.
– जानकी जारिका, थोक विक्रेता, गुवा.
घर में शादी है. इसलिए यहां प्राकृतिक रंग की मिट्टी लेने के लिए आया हूं. इसे घर की लड़कियां गर्म पानी व केमिकल मिलाकर दीवारों पर कलाकृतियां बनायेंगी. ये हमारी संस्कृति से जुड़ी है. कलाकृतियों से दीवारें खिल उठती हैं.
– हरिष सोय, ग्राहक, सालीगुट्टू
प्रत्येक मंगलवार को यहां प्राकृतिक रंगों की मिट्टी का बाजार लगता है. मैं भी भूरे रंग की मिट्टी खरीदने मंगला हाट आया हूं. इसे गोबर में मिलाकर घर की लिपाई होगी. इसमें रंगीन मिट्टी मिलने के कारण जमीन आकर्षक दिखने लगता है.
– रघुनाथ महाली, ग्राहक, आचू.
बाहरी को नहीं देते खदान से मिट्टी निकालने की अनुमति
गुवा निवासी मिट्टी के थोक विक्रेता शिवचरण मांझी ने बताया कि मिट्टी खरीदकर अन्य जिलों में बेचने के लिए कई खरीदार गुवा पहुंचते हैं. बाहर से आने वाले खरीदारों को स्थानीय ग्रामीण खदानों से मिट्टी खोदने की इजाजत नहीं देते है. उन्हें भी प्रति बोरी के हिसाब से मिट्टी बेची जाती है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें