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लैब में नहीं व्यवस्था, रेलकर्मी यूरिन टेस्ट को जहां-तहां सैंपल लेते हैं

हर माह जांच के लिए आना पड़ता है रेल कर्मचारियों को चक्रधरपुर : चक्रधरपुर रेल मंडल मुख्य अस्पताल में प्रत्येक सप्ताह मेडिकल जांच के लिए कर्मचारियों को आना पड़ता है. इस दौरान रेलकर्मियों को जांच के लिए यूरिन (पेशाब) का नमूना देना पड़ता है. हालांकि जांच के लिए यूरिन लेने की व्यवस्था नहीं है. इस […]

हर माह जांच के लिए आना पड़ता है रेल कर्मचारियों को

चक्रधरपुर : चक्रधरपुर रेल मंडल मुख्य अस्पताल में प्रत्येक सप्ताह मेडिकल जांच के लिए कर्मचारियों को आना पड़ता है. इस दौरान रेलकर्मियों को जांच के लिए यूरिन (पेशाब) का नमूना देना पड़ता है. हालांकि जांच के लिए यूरिन लेने की व्यवस्था नहीं है. इस कारण कर्मचारी अस्पताल परिसर में जहां-तहां खड़े होकर यूरिन जांच के लिए सैंपल लेते हैं. कई बार कर्मचारियों को शर्मसार होना पड़ता है. लोको पायलट, गार्ड स्टेशन मास्टर, ट्रेकमैन, नयी बहाली वालों की मेडिकल होती है. इस अव्यवस्था से रेल कर्मचारियों में आक्रोश है.
शौचालय में लगा है ताला
अस्पताल के आउटडोर में एक शौचालय है, लेकिन इसमें ताला जड़ा रहता है. इससे न केवल पीएमइ (रेलकर्मियों की मेडिकल जांच) कर्मचारियों बल्कि स्वास्थ्य कर्मियों को भी परेशानी हो रही है. रेलकर्मियों का कहना है कि यह शौचालय नर्स व मेट्रोन के कब्जे में है. रेलवे अस्पताल में सार्वजनिक शौचालय व मूत्रालय की सुविधा जरूरी है.
रेलकर्मियों के लिए समुचित सुविधा कराये मुहैया : संघ
ओबीसी कर्मचारी संघ दपू रेलवे के महासचिव कृष्ण मोहन प्रसाद ने कहा कि लैब में अलग से कमरे की व्यवस्था नहीं होना दुर्भाग्यजनक है. रेलवे प्रशासन को समुचित सुविधा मुहैया करना चाहिए.
आउटडोर में कमरा व्यवस्था नहीं हो सकेगा : डॉ पाणि
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ आरके पाणि ने कहा कि पीएमइ आउटडोर में हो रहा है. आउटडोर से पीएमइ अलग होगा, तभी अलग कमरा की सुविधा मिलेगी. उन्होंने कहा कि आउटडोर में शौचालय है, लेकिन कर्मचारी इसका इस्तेमाल नहीं करते हैं.

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