चक्रधरपुर : रविवार को चक्रधरपुर पहुंचे झारखंड प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष संजय कुमार महतो ने कहा कि राज्य के अधिकतर जिलों में शिक्षकों को प्रोन्नति दी जा चुकी है, लेकिन पश्चिमी सिंहभूम में अब तक ग्रेड-3 व ग्रेड-4 की प्रोन्नति नहीं मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि किसी भी तरह के स्थानांतरण […]
चक्रधरपुर : रविवार को चक्रधरपुर पहुंचे झारखंड प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष संजय कुमार महतो ने कहा कि राज्य के अधिकतर जिलों में शिक्षकों को प्रोन्नति दी जा चुकी है, लेकिन पश्चिमी सिंहभूम में अब तक ग्रेड-3 व ग्रेड-4 की प्रोन्नति नहीं मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि किसी भी तरह के स्थानांतरण से अधिक जरूरी प्रोन्नति है. पश्चिमी सिंहभूम जिला हमेशा प्रोन्नति के मामले में सबसे पीछे रहा है. रांची में 6 माह पहले ही यह प्रोन्नति दी जा चुकी है.
रांची लौट कर इसकी जानकारी शिक्षा सचिव को दी जायेगी.
2005 में नियुक्त शिक्षकों के पेंशन का मामला कोर्ट में : श्री महतो ने कहा कि 2003 में एक ही विज्ञापन में एक साथ शिक्षकों की नियुक्ति परीक्षा ली गयी, लेकिन परीक्षा परिणाम दो चरणों में निकाला गया. 2004 में पहले चरण में नियुक्त होने वाले शिक्षकों को पेंशन योजना का लाभ दिया गया और उसी विज्ञापन के दूसरे चरण में 2005 में बहाल होने वाले शिक्षकों को पेंशन से वंचित कर दिया गया. शिक्षकों के साथ हुए इस न्याय की जब सुनवाई विभाग में नहीं हुई तो झारखंड उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर दी गयी है. उम्मीद है कि फैसला शिक्षकों के हक में होगा.
रिजल्ट खराब, पर शिक्षक दोषी नहीं
उन्होंने कहा कि पश्चिमी सिंहभूम में 98 स्कूलों के शिक्षकों को मैट्रिक व इंटर का रिजल्ट खराब होने पर कारण बताओ नोटिस दिया गया है, जो गलत है. क्योंकि पूरे राज्य के माध्यमिक व प्लस-2 स्कूलों में शिक्षक ही नहीं हैं. जब शिक्षक नहीं होंगे तो पढ़ाई कैसे होगी. परीक्षा के दो तीन माह पहले प्रारंभिक स्कूलों के शिक्षकों को हाइ व प्लस टू स्कूलों में प्रतिनियुक्त किया जाता है. गौर करने वाली बात है कि दो तीन माह में साल भर की पढ़ाई कैसे पूरी होगी.