30.8 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Water Crisis: पेयजल के लिए हाहाकार, 500 मीटर दूर रागड़ो नदी से पीने का पानी लाने पर हैं मजबूर

महिलाएं एवं बच्चियां गांव से 500 मीटर दूर रागड़ो नदी से पीने का पानी ला रही हैं. इस गांव में कुल 20 परिवार के लगभग 215 लोग निवास करते हैं. गांव में पानी की काफी समस्या है. बड़ाडहर गांव के माझी बाबा (ग्राम प्रधान) गोपाल हांसदा ने कहा कि गांव में असुविधा के कारण हमारे रिश्तेदार आना नहीं चाहते हैं.

बरसोल (पूर्वी सिंहभूम) गौरब पाल. झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले की खंडामौदा पंचायत अंतर्गत बड़ाडहर गांव के ग्रामीण सालोंभर परेशानी में घिरे रहते हैं. इस गांव में कुल 20 परिवार के लगभग 215 लोग निवास करते हैं. गांव में पानी की काफी समस्या है. वैसे एक सरकारी चापाकल तो है, जिसमें मुखिया फंड से 4 साल पहले सोलर जलमीनार लगायी गयी है, लेकिन अब मोटर मिट्टी के अंदर धंस गयी है. इस कारण पीने का पानी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. मजबूरी में महिलाएं व बच्चियां 500 मीटर दूर से पानी ला रही हैं.

जलमीनार की मोटर खराब होने से बढ़ी परेशानी

जलमीनार की मोटर खराब होने से पानी को लेकर परेशानी बढ़ गयी है. खासकर महिलाएं एवं बच्चियां गांव से 500 मीटर दूर रागड़ो नदी से पीने का पानी ला रही हैं. सड़क तथा पीने के पानी के व्यवस्था नहीं होने के कारण गांव के लड़कों से लोग अपनी बेटियों की शादी करने से हिचकिचाते हैं. गांव के लड़के दूसरे राज्यों में जाकर काम करते हैं. गांव में किसी लड़की की शादी होती है तो बाराती 2 किलोमीटर पैदल चलकर ससुराल पहुंचते हैं.

Also Read: झारखंड: शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की तबीयत बिगड़ी, चेन्नई ले जाने की तैयारी

समस्याओं से जूझता गांव

बड़ाडहर गांव के माझी बाबा (ग्रामप्रधान) गोपाल हांसदा ने कहा कि गांव में असुविधा के कारण हमारे रिश्तेदार आना नहीं चाहते हैं. किसी के घर में कोई अनुष्ठान होता है तो वे उसी दिन आकर अपना काम करके निकल जाते हैं. हमारे गांव में किसी के घर में शौचालय नहीं है. महिलाओं को खुले में शौच जाना पड़ता है. उज्ज्वला योजना के तहत गांव की तीन महिलाओं को ही गैस सिलेंडर एवं चूल्हा प्राप्त हुआ है बाकी घरों में आज भी लकड़ी के चूल्हे पर खाना पकता है. आज तक इस गांव में प्रशासनिक अधिकारी नहीं आये हैं. बारिश के दिनों में ज्यादा बारिश आती है तो गांव की कई महिलाएं बच्चों को लेकर रिश्तेदार के घर चली जाती हैं. गांव के लोग दूसरे गांव के घरों में अपनी साइकिल व बाइक रखते हैं. इधर, खेतों में पानी भर जाने से मेड़ का रास्ता भी नहीं दिखाई देता है. दूसरी तरफ बारिश में रागड़ो नदी का जलस्तर बढ़ जाने से लोग गांव में कैद हो जाते हैं.

Also Read: Indian Railways News: रेलवे ने होली स्पेशल ट्रेन धनबाद-सीतामढ़ी-धनबाद का परिचालन किया रद्द, ये है वजह

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

अन्य खबरें