सिमडेगा. कुंजनगर स्थित संकट मोचन मंदिर परिसर में आयोजित नौ दिवसीय रामलीला का समापन रविवार को हुआ. अंतिम दिन रामलीला में रावण वध का मंचन हुआ, जिसमें भगवान राम ने रावण को मार कर बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया. इसके बाद विभीषण का राज्याभिषेक और भगवान राम, लक्ष्मण और सीता की अयोध्या वापसी, राज अभिषेक का दृश्य दिखाया गया. इस दौरान कथा वाचक व्यास घनश्याम पांडेय ने प्रभु श्रीराम के जीवन काल के लीलाओं से प्रेरणा लेकर लोगों को समाज में फैली बुराइयों को दूर करने की बात कही. कहा कि राम का चरित्र अनुकरणीय है, जो कोई प्रभु श्रीराम के आदर्शों पर चलने का संकल्प लें, तो उसका जीवन धन्य हो जाता है. कहा कि जीवन की सार्थकता के लिए अध्यात्म व धर्म का अनुसरण जरूरी है. श्रीराम कथा आदर्श पथ पर चलने की प्रेरणा देती है. भगवान राम का चरित्र जहां एक ओर पारिवारिक रिश्तों की अहमियत को दर्शाता है, वहीं दूसरी ओर जात-पात के भेदभाव को मिटा कर मानव मात्र में सौहार्द्र की भावना जगाता है. मर्यादित जीवन के सूत्रों को रामकथा से ही सीखा जा सकता है. उन्होंने कहा कि भगवान के प्रति समर्पण, प्रेम और भक्ति का यह सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है. उन्होंने कहा कि राम ने जीवन में मर्यादा का पालन किया. मौके पर विहिप जिलाध्यक्ष कौशल राज सिंह देव के अलावा काफी संख्या में श्रद्धालुओं उपस्थित थे. कार्यक्रम को सफल बनाने में पूर्व वार्ड पार्षद रामजी यादव, बजरंग रजक, धनंजय केसरी, सुमित सिंह, गोलू बड़ाइक, मुकेश प्रसाद, विनोद यादव समेत अन्य लोगों ने अहम भूमिका निभायी. रामलीला की प्रस्तुति उत्तरप्रदेश के प्रयागराज से आये रामलीला समिति के संचालक बाल कृष्ण शास्त्री के नेतृत्व में राम लोचन ओझा, देवनारायण तिवारी, शिवकांत पांडेय, प्रदुमन पांडेय, गोविंद द्विवेदी, बालकृष्ण पांडेय, वीरेंद्र मिश्रा, अभिषेक पांडेय, सोनू पांडेय, राजा पांडेय आदि ने की.
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