जलडेगा. बांसजोर प्रखंड के कुलामारा डुमरमुंडा गांव में झारखंड प्रदेश गोंड आदिवासी महासभा द्वारा दो दिवसीय 80वां वार्षिक सम्मेलन शुरू हुआ. पहले दिन वार्षिक सम्मेलन के पूर्व पहान पुजार साले प्रधान द्वारा ग्राम देवी-देवताओं का विधि विधान के साथ पूजा-अर्चना कर सुख-समृद्धि की कामना की. गोंड समाज के द्वारा कलश स्थापना कर जय बड़ा देव की पूजा की. झारखंड प्रदेश गोंड आदिवासी महासभा के अध्यक्ष सह झारखंड के पूर्व मंत्री विमला प्रधान ने रीति-रिवाज, धर्म संस्कार, परंपरा व संस्कृति को बरकरार रखने के लिए प्रेरित किया. गोंड समाज द्वारा धर्म परिवर्तन पर आपत्ति जताते हुए कहा कि धर्म, संस्कृति व परंपरा हमारी धरोहर व पहचान है. इसे किसी तरह से कायम रखना हैं. उन्होंने समाज में व्याप्त बुराइयों व परंपराओ, नशाखोरी, शिक्षा, रोजगार समेत कई सामाजिक मुद्दों पर अपनी बातें रखी. समाज को संगठित होने तथा एकजुटता का आह्वान किया. मौके पर झारखंड प्रदेश गोंड आदिवासी महासभा के संरक्षक विश्वनाथ भोय, उपाध्यक्ष बंधु मांझी, उपाध्यक्ष केशव किशोर प्रधान, शिव चंदन प्रधान, सचिव सिकंदर मांझी, कोषाध्यक्ष रुक्मिणी देवी, कानूनी सलाहकार मनीष मणिकांत प्रधान, हिमांशु चंद्र मांझी, अनुज बेसरा, उपाध्यक्ष देवनंदन प्रधान, श्याम किशोर प्रधान, जयमंगल प्रधान, हरी मांझी, दिलबंधु मांझी, कलिंदर भोय, दामोदर प्रधान, दुर्योधन बेसरा, राजेंद्र बेसरा, गजाधर मांझी, महेश मांझी, सुरेंद्र मांझी, किशुन गंगेश्वर, लालधर नागेश्वर आदि उपस्थित थे.
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