खरसावां. सरायकेला-खरसावां जिले के कुचाई प्रखंड में पहाड़ की तलहटी पर स्थित उत्क्रमित उच्च विद्यालय मेरमजंगा के शिक्षक बृजेश्वर कुमार द्विवेदी ने अपनी इच्छाशक्ति से पोषक क्षेत्र को शून्य ड्रॉपआउट करने में सफलता पायी है. वे सीमित संसाधनों में शिक्षा के दीपक से भविष्य को उज्ज्वल बना रहे हैं. वर्ष 2022 में बृजेश्वर कुमार की प्रतिनियुक्ति मेरमजंगा विद्यालय में हुई. तब स्कूल में कक्षा पहली से आठवीं तक 28 बच्चे नामांकित थे. इनमें अधिकतर बच्चे नियमित स्कूल नहीं आते थे. उन्होंने ग्रामसभा की बैठक में लोगों से अपने बच्चों को स्कूल भेजने का आग्रह किया. ग्रामीणों ने शिक्षक के सामने शर्त रख दी कि स्कूल भवन ठीक बनने के बाद बच्चों को भेजेंगे. तब स्कूल झोपड़ीनुमा दो कमरों में चलता था. तब शिक्षक ने अपने वेतन के पैसों से झोपड़ीनुमा स्कूल की मरम्मत करायी. छत पर एस्बेस्टस लगवाया. उन्होंने स्कूल के पोषक क्षेत्र में गांव-गांव अभियान चलाकर और अभिभावकों को शिक्षा के प्रति जागरूक किया. इसका असर दिखा. लोग अपने बच्चों को स्कूल भेजने लगे. अब बीहड़ पहाड़ी क्षेत्र में बसा मेरमजंगा गांव शून्य ड्रॉप आउट बन गया है. सभी बच्चे स्कूल आते हैं.
एकमात्र शिक्षक के भरोसे संचालित है स्कूल
उत्क्रमित उच्च विद्यालय मेरमजंगा एकमात्र शिक्षक बृजेश्वर कुमार के भरोसे संचालित है. एक सहायक शिक्षक (पारा शिक्षक) का तीन माह पूर्व निधन हो गया. आवश्यकता पड़ने पर शिक्षक बृजेश्वर कुमार द्विवेदी छुट्टी के दिनों में अतिरिक्त क्लास लेते हैं. वर्ष 2022 में स्कूल को अपग्रेड कर उत्क्रमित उच्च विद्यालय में तब्दील कर दिया गया, जबकि नौवीं की पढ़ाई 2024 से शुरू हुई. अब स्कूल में 116 बच्चे नामांकित हैं. इस वर्ष 11 बच्चे मैट्रिक की परीक्षा देंगे. पिछले वर्ष सरकार ने दो कमरों का पक्का भवन बना दिया है. शिक्षक बृजेश्वर के प्रयास से क्षेत्र के बच्चे बेहतर भविष्य के सपने बुन रहे हैं.
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