सरायकेला. समाज के समुचित विकास में शिक्षक की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है. चाणक्य ने कहा था, शिक्षक कभी साधारण नहीं होते हैं. उनकी गोद में प्रलय और निर्माण पलते हैं. डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने लिखा है कि समाज में अध्यापक का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण है. बेहतर शिक्षक की पहचान छात्रों को पढ़ाने की क्षमता और उन पर सकारात्मक प्रभाव डालने से होती है. खरसावां प्रखंड के सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्र यूएचएस कृष्णापुर के शिक्षक विश्वजीत सतपथी के प्रयास से पोषक क्षेत्र शून्य ड्रॉप आउट हुआ है. स्कूल के बच्चे संस्कार के साथ शिक्षा हासिल कर रहे हैं. स्कूल में फिलहाल 375 छात्र छात्राएं हैं. कभी प्रखंड के पिछड़े स्कूलों में गिना जाता था. यहां काफी कम छात्र-छात्राएं थे. शिक्षक विश्वजीत के योगदान के पश्चात सुधार आया है. उन्होंने बच्चों में पढ़ाई के प्रति जुनून पैदा किया. नतीजतन स्कूल के बच्चों ने मैट्रिक में प्रखंड में टॉप कर स्कूल का मान बढ़ाया. शिक्षक विश्वजीत सतपथी ने 16 जुलाई, 2019 को उत्क्रमित उच्च विद्यालय कृष्णापुर में टीजीटी (हिंदी) के रूप में योगदान दिया. उस समय विद्यालय में अनुशासन का घोर अभाव था. विद्यालय की शैक्षणिक स्थिति लचर थी. यूनिफॉर्म व स्कूल बैग का वितरण होने के बावजूद विद्यार्थी नहीं अपनाते थे. इससे महज एक माह में दुरुस्त कर सुधार किया गया. पढ़ाई के प्रति जज्बा भरा. मैट्रिक का परीक्षाफल स्कूल में शत प्रतिशत रहता है. इस विद्यालय की छात्राओं ने जिला स्तर पर वाद- विवाद प्रतियोगिता व प्रमंडल स्तर पर काव्य पाठ में भी अपनी प्रतिभा का परचम लहराया है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

