राजनगर. कांग्रेस पार्टी ने वर्ष 2025 को संगठन सृजन वर्ष घोषित किया है.इसी कड़ी में बूथ से लेकर प्रदेश स्तर तक संगठनात्मक बदलाव की प्रक्रिया जारी है. सरायकेला-खरसावां जिले में पार्टी को मजबूत नेतृत्व की तलाश है. इसी उद्देश्य से ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सचिव डॉ. विश्वरंजन महंती जिले के दौरे पर हैं और कार्यकर्ताओं से जिलाध्यक्ष पद को लेकर राय ले रहे हैं. शुक्रवार को राजनगर प्रखंड में भी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक होगी. जिलाध्यक्ष की दौड़ में वरिष्ठ नेता कालीपद सोरेन, कैलाश महतो और डोमन महतो समेत कई नाम शामिल हैं. हालांकि, अनुभव और संगठनात्मक पकड़ के कारण कालीपद सोरेन सबसे मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं. वे लंबे समय से कांग्रेस संगठन से जुड़े हैं और सरायकेला विधानसभा से 2009 में चुनाव लड़ चुके हैं. इससे पहले वे दो बार खिजरी विधानसभा से भी मैदान में उतर चुके हैं. ज्ञात हो कि सरायकेला सीट गठबंधन के तहत झामुमो को मिलने के बाद कांग्रेस यहां चुनावी दौड़ से बाहर हो गई. नतीजतन पार्टी का जनाधार झामुमो और भाजपा की ओर खिसक गया.कई कार्यकर्ता भी दूसरी पार्टियों में शामिल हो गए. बावजूद इसके कालीपद सोरेन ने कांग्रेस का झंडा थामे रखा और संगठन को जीवित रखने का काम किया. राजनगर के आदिवासी बाहुल इलाकों से आने वाले सोरेन की ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छी पकड़ है. इतना ही नहीं, आदित्यपुर और गम्हरिया जैसे औद्योगिक क्षेत्रों में भी उनकी पहचान मजबूत है.राजनीतिक जानकारों का मानना है कि कांग्रेस यदि जिले में अपनी खोई हुई जमीन वापस पाना चाहती है तो कालीपद सोरेन जैसे अनुभवी और बेदाग नेता को जिम्मेदारी सौंपनी होगी अन्यथा जिले में कांग्रेस की स्थिति और कमजोर हो सकती है.
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